करनाल दिवाली से अगले दिन हवा ‘खराब’
रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 13 नवंबर
हवा की शुद्धता बनाए रखने के लिए केंद्र की 2 टीमें करनाल में डटी हुई हैं, इनमें एक टीम पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए लगी है तो दूसरी टीम उद्योगों में लगातार चेकिंग बनाएं हुए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ-साथ 16 विभागों की टीमों को फील्ड में उतारा गया है, जिनमें 100 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी धरातल पर उतर कर हवा की शुद्धता को नुकसान पहुंचाने वाले कारणों को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
दिवाली की रात के बाद अगली सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 215 पर पहुंच गया, जो खराब श्रेणी है। हालांकि दिवाली की रात 8 बजे तक एआईक्यू 115 रिकार्ड किया गया था, जबकि पिछले साल एयर क्वालिटी इंडेक्स 173 था। आकड़ों में मामूली-सा उतार-चढ़ाव ही दिखाई दे रहा हैं। जमीनी स्तर पर कई जगह जमकर पटाखे फोड़े गए, लेकिन जिस स्तर पर पहले पटाखों की बिक्री होती थी, उसमें काफी कमी भी देखी गई।
दूसरी ओर धान का सीजन लगभग खत्म हो चुका है, जिसके चलते पराली जलाने के मामले शून्य स्तर पर पहुंच चुके हैं।
हवा की शुद्धता का स्तर गिरने के कई प्रमुख कारणों में से अनियंत्रित निर्माण कार्य, सड़कों पर उड़ती धूल मिट्टी, यमुनानदी के कई क्षेत्रों में अवैध खनन, कचरे को आग के हवाले करना, वाहनों से निकला धुआं आदि शामिल हैं, जिनके खतरों को कम करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए है, जो लगातार लोगों की मुसीबत बढ़ा रहा हैं। सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही हैं, इनमें कई गंभीर रोगी भी शामिल होते हैं। आकड़ों में एयर क्वालिटी इंडेक्स चाहे कुछ भी कहें, धरातल पर स्थिति परेशानी वाली हैं।
इस बार एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले साल की अपेक्षा 35 प्रतिशत कम रिकार्ड किया गया, जो राहत की बात है। लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता आ रही है, जो अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग तालमेल के साथ काम कर रहे हैं।
-शैलेंद्र अरोड़ा, एक्सईएन, हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड