दलाई लामा से ज्यूरिख में मिले करमापा
ललित मोहन/ ट्रिन्यू
धर्मशाला, 30 अगस्त
तिब्बतियों के 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे ने गत 25 अगस्त को स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में दलाई लामा से उनके संक्षिप्त प्रवास के दौरान मुलाकात की। दलाई लामा के सचिव तेनज़िन तकला ने इसकी पुष्टि की है।
साल 2017 में भारत छोड़ने और डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता लेने के बाद करमापा की दलाई लामा से यह पहली मुलाकात है। इस मुलाकात से इन अटकलों को बल मिला है कि करमापा निकट भविष्य में भारत लौट सकते हैं।
तिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू स्कूल के प्रमुख करमापा, तिब्बतियों के लिए दलाई लामा और पंचन लामा के बाद तीसरे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। चूंकि दलाई लामा द्वारा मान्यता मिलने के बाद पंचन लामा चीनी अधिकारियों की हिरासत में हैं, इसलिए करमापा का महत्व और भी बढ़ गया है। करमापा तिब्बती रीति-रिवाज के अनुसार अगले दलाई लामा के चयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
करमापा ने डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता लेने के बाद 2018 में भारतीय वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इसे मंजूर नहीं किया। सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में भारतीय अधिकारियों ने करमापा को भारत लौटने के लिए मनाने का प्रयास किया। मठ स्थापित करने के लिए दिल्ली के द्वारका में जमीन की भी पेशकश की थी।
अनुयायिओं के नाम दिया संदेश
एक पोस्ट में करमापा ने कहा कि मुझे फिर दलाई लामा को व्यक्तिगत रूप से देखने और उनकी शिक्षाओं को सुनने का सौभाग्य मिला। टीवी पर उन्हें देखने के विपरीत, जब मैंने इस बार प्रत्यक्ष देखा, तो वह बहुत अधिक उम्र के लग रहे थे और बोलते समय भी उनकी आवाज काफी कमजोर थी। उन्हें कमजोर शारीरिक स्थिति में देखकर मुझे पीड़ा और उनकी दयालुता के लिए कृतज्ञता की एक नयी भावना दोनों से भर दिया है।