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Kanya Pujan 2025 : कब है कन्या पूजन की अष्टमी और नवमी तिथि? यहां जानिए पूरी डिटेल

12:09 PM Apr 04, 2025 IST
kanya pujan 2025   कब है कन्या पूजन की अष्टमी और नवमी तिथि  यहां जानिए पूरी डिटेल
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चंडीगढ़, 4 अप्रैल (ट्रिन्यू)

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Kanya Pujan 2025 : नवरात्रि के अंतिम दिन, यानी अष्टमी या नवमी तिथि को कंजक पूजन किया जाता है। इसमें माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से कन्याओं को देवी दुर्गा के रूप में पूजा जाता है। यह पूजन विशेष रूप से महिला शक्ति की पूजा और सम्मान का प्रतीक है।

कब है कंजक पूजन ?

चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन कंजक पूजन के बाद ही मां को विदाई दी जाती है। हालांकि इस बार भक्त कंजक पूजन की अष्टमी व नवमी तिथि को लेकर कन्फ्यूज है। दरअसल, इस बार नवरात्रि 9 दिन की पड़ी है इसलिए भक्त असमंजस में है। मगर, आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि का दूसरा व तीसरा नवरात्र एक साथ था। इस हिसाब से कन्या पूजन की अष्टमी तिथि 5 अप्रैल और नवमी तिथि 6 अप्रैल को पड़ रही है।

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कन्या पूजन के लिए कौन सी सामग्री चाहिए?

कन्या पूजन के साथ कन्याओं के पैर धुलाने के लिए साफ जल या गंगा जल चाहिए। साथ ही कन्याओं का पैर पोंछने के लिए साफ कपड़ा, तिलक लगाने के लिए रोली, कलावा, अक्षत, फूल और फल, माता की चुन्नी, मिठाई और भोजन सामग्री, कन्याओं के बैठने के लिए आसन इकट्ठा कर लें।

कंजक पूजन की विधि

इस दिन सबसे पहले पूजा के लिए एक साफ जगह पर एक पीला वस्त्र बिछाया जाता है। फिर, पूजा सामग्री जैसे की साबुत हल्दी, कुमकुम, चना, सुहाग, और अन्य धार्मिक वस्तुएं तैयार की जाती हैं। इसके बाद, कन्याओं को बुलाया जाता है और उन्हें पहले पांव धोने के लिए कहा जाता है।

पांव धोने के बाद, उन्हें गुलाब की पंखुड़ियों से सजाया जाता है और उन्हें अच्छे भोजन, मिठाई और वस्त्र भेंट किए जाते हैं। साथ ही, उन्हें कुछ उपहार भी दिए जाते हैं। इन कन्याओं के रूप में देवी का आशीर्वाद लिया जाता है और माना जाता है कि देवी के आशीर्वाद से घर में खुशहाली आती है।

कंजक पूजन का महत्व

कंजक पूजन के दौरान कन्याओं के चरण धोकर उन्हें भोजन और उपहार दिए जाते हैं। इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है और साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। इसे एक तरह से धार्मिक कृत्य और समाजिक जागरूकता के रूप में देखा जाता है, जो कन्याओं के प्रति आदर और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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