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कनीना 50 बेड के अस्पताल को कभी भी मिल सकता है एफआरयू का दर्जा

07:39 AM Jun 10, 2025 IST
कनीना 50 बेड के अस्पताल को कभी भी मिल सकता है एफआरयू का दर्जा
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सुनील दीक्षित/निस
कनीना, 9 जून
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के प्रयासों से उप नागरिक अस्पताल कनीना को अतिशीघ्र ही एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) का दर्जा मिलेगा। इसके लिए अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बनाए गए प्री-ओटी तथा ओटी रूम में जरूरी उपकरण सैट कर दिए गए हैं। वेंटिलेटर, विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित ब्लड बैंक बनाए जाने का कार्य लंबित है, जिसके शीघ्र पूरा होने की उम्मीद है। अतिआधुनिक उपकरण एवं उनके आपरेटर की नियुक्ति को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। 50 बेड के इस अस्पताल को अब एफआरयू,का दर्जा कभी भी मिल सकता है। बता दें कि उपमंडल स्तरीय इस अस्पताल में जरूरी उपकरण तथा विशेषज्ञ न होने के कारण आपातकाल के दौरान मरीजों को रsफर करना पड़ा है। एफआरयू का दर्जा मिलने पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगीं जिसके चलते चिकित्सको को इमरजेंसी के समय मरीजों को रेफर नहीं करना पड़ेगा। इस अस्पताल में एफआरयू को लेकर क्षेत्र की सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन देकर इस अस्पताल को एफआरयू का दर्जा दिए जाने की मांग की गई थी। इस मौके पर चिकित्सक जितेंद्र कुमार मोरवाल, डाॅ. अंकित शर्मा, सतेंद्र यादव आदि उपस्थित थे।

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विशेषज्ञों का इंतजार : डाॅ. रेनु वर्मा

एसडीएच कनीना की प्रभारी डाॅ. रेनु वर्मा ने बताया कि एफआरयू में स्त्री रोग विशेषज्ञ, आॅर्थोलोजिस्ट व शिशु रोग विशेषज्ञों के अलावा ब्लड बैंक सहित जरूरी उपकरणों की अहम आवश्यक्ता होती है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में लगभग उपकरण उपलब्ध हो चुके हैं। यहां चिकित्सकों के 11 पद हैं, जिनमें से 4 पद रिक्त हैं। एफआरयू का दर्जा मिलने के समय यहां यूएसजी मशीन के साथ-साथ आॅपरेटर की जरूरत होगी। ब्लड बैंक व चिकित्सा विशेषज्ञों के आते ही इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 100 बेड तक

विस्तार करने का प्रयास : स्वास्थ्य मंत्री

इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह ने बताया कि कनीना में 50 बेड का अस्पताल भाजपा सरकार में ही बनकर तैयार हुआ है। उनका प्रयास है कि इस भवन को 100 बेड का विस्तारित कर चिकित्सकों, आयुनिक उपकरणो सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। अति शीघ्र ही अस्पताल को एफआरयू का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिए अधिकारियों द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। एफआरयू होने के बाद यहां से किसी भी मरीज को रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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