For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Emergency: कंगना रणौत की फिल्म इमरजेंसी को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, रिलीज टला

02:23 PM Sep 04, 2024 IST
emergency  कंगना रणौत की फिल्म इमरजेंसी को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत  रिलीज टला
फोटो स्रोत कंगना रणौत के एक्स अकाउंट से @KanganaTeam
Advertisement

मुंबई, चार सितंबर (भाषा)

Advertisement

Emergency: विवादों में घिरी कंगना रणौत की फिल्म ‘इमरजेंसी' को बुधवार को बंबई हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस निर्देश के मद्देनजर कोई भी आदेश पारित करने से इन्कार कर दिया जिसमें सेंसर बोर्ड को फिल्म के प्रमाणन से पहले आपत्तियों पर विचार करने का निर्देश दिया गया था।

हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह फिल्म के संबंध में पेश की गई आपत्तियों पर विचार करे और फिर 18 सितंबर तक इसे प्रमाणपत्र जारी करे। अदालत के इस आदेश के मद्देनजर फिल्म की अब रिलीज दो सप्ताह के लिए टल जाएगी। पहले फिल्म छह सितंबर को रिलीज होनी थी।

Advertisement

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को कंगना रणौत निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी' के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। याचिका में दावा किया गया है कि सेंसर बोर्ड के पास प्रमाणपत्र तैयार है लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद कानून और व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका पर वह इसे जारी नहीं कर रहा।

न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने बुधवार को निर्माता की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि प्रमाणपत्र तैयार है लेकिन जारी नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि जब फिल्म के निर्माताओं को एक बार ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया तो सीबीएफसी का यह तर्क सही नहीं है कि प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया क्योंकि उस पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं थे।

हालांकि अदालत ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश नहीं होता तो वह बुधवार को ही सीबीएफसी को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दे देती। फिल्म में कंगना ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। यह फिल्म विवादों में घिर गई है क्योंकि शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों का आरोप है कि इसमें सिख समुदाय को तथा ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है।

Advertisement
Tags :
Advertisement