Kangana Ranaut Comment: कंगना रणौत की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा)
Kangana Ranaut Comment: कांग्रेस ने मंगलवार को कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कंगना रणौत की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने का प्रयास कर रही है और हरियाणा इसका करारा जवाब देगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत की एक टिप्प्णी को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी की रग-रग में किसान विरोधी नफ़रती मानसिकता बसी हुई है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के ख़िलाफ़ है।
कंगना ने मंगलवार को कहा था, 'कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे।' भाजपा ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए कहा है कि यह उनकी निजी राय है।
खड़गे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, '750 किसानों की शहादत के बाद भी किसान विरोधी भाजपा और मोदी सरकार को अपने घोर अपराध का अहसास नहीं हुआ। किसान-विरोधी तीन काले क़ानूनों को फिर से लागू करने की बात की जा रही है। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है। ' उन्होंने कहा कि किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली मोदी सरकार ने हमारे अन्नदाता के लिए कँटीले तार, ड्रोन से आँसू गैस, कीलें और बंदूक़ें... सबका इस्तेमाल किया।
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उन्होंने कहा कि ये सब कुछ भारत के 62 करोड़ किसान कभी भूल नहीं पाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि इस बार हरियाणा समेत सभी चुनावी राज्यों से, ख़ुद प्रधानमंत्री की संसद में किसानों के लिए 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' जैसी अपमानजनक टिप्पणी किए जाने का करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा, 'मोदी जी की बयानबाज़ी के चलते उनके मंत्रियों और सांसदों व दुष्प्रचार तंत्र को किसानों का अपमान करने की आदत हो गई है।'
खड़गे ने कहा, '10 सालों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने तीन वादे तोड़े हैं। ये तीनों वादे , 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने, स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक़ लागत तथा 50 प्रतिशत एमएसपी लागू करने और एम एसपी को क़ानूनी दर्जा देने के थे।' उन्होंने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन वापस लेते समय मोदी ने सरकारी समिति की घोषणा की थी, वह आज भी ठंडे बस्ते में है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी के ख़िलाफ़ है।
खड़गे ने कहा, 'शहीद किसानों के परिवारों को कोई राहत नहीं दी गई, संसद में मोदी सरकार ने उनकी याद में दो मिनट का मौन रखना भी मुनासिब नहीं समझा और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है।' उन्होंने कहा कि पूरा देश जान गया है कि भाजपा की रग-रग में किसान विरोधी नफ़रती मानसिकता बसी है।
किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून – कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो साझा किया, जिसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं, 'जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे।'
कांग्रेस ने वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा, 'किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लाए जाएं: यह बात भाजपा सांसद कंगना रणौत ने कही है। देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए।'
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब भाजपा सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं। विपक्षी दल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, 'कांग्रेस किसानों के साथ है। ये काले कानून कभी वापस नहीं होंगे, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद कितनी भी कोशिश कर लें।'
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी ‘एक्स' पर रनौत का वीडियो साझा किया और कहा, 'तीनों कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए': भाजपा सांसद कंगना रनौत। तीन काले कृषि कानूनों का विरोध करते हुए 750 से अधिक किसान शहीद हो गए....।'
उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनावों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, 'हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हरियाणा करारा जवाब देगा।' कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर वीडियो साझा किया और कहा कि यह भाजपा की 'असली सोच' है।
खेड़ा ने एक पोस्ट में कहा, 'दोगले लोग, किसानों को कितनी बार धोखा दोगे?' तीन कानून - कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम - को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।
कंगना ने कहा- यह मेरी व्यक्तिगत टिप्पणी
वहीं, भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि कंगना भाजपा की प्रवक्ता नहीं हैं। यह बयान पार्टी का बयान नहीं है। यह कंगना का व्यक्तिगत बयान है। इसे कंगना रणौत ने रिपोस्ट किया है। जिस पर कंगना ने लिखा, 'बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धन्यवाद।'