कंगना केवल मुखौटा, भाजपा खेल रही खेल : सुप्रिया श्रीनेत
चंडीगढ़, 25 सितंबर (ट्रिन्यू)
रद्द किए जा चुके तीन कृषि कानूनों को लेकर हिमाचल के मंडी से सांसद कंगना रणौत के बयान के बाद भाजपा घिरती नजर आ रही है। इस मुद्दे को लेकर एआईसीसी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बुधवार को कहा कि भाजपा किसानों के प्रति किस प्रकार का रवैया रखती है, यह कंगना के बयान ने सपष्ट कर दिया है। चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा इस बयान को कंगना की निजी राय बता कर बच नहीं सकती, क्योंकि कंगना पार्टी की कोई ब्लॉक स्तर की कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि पार्टी के टिकट पर चुनी हुई सांसद हैं। उन्होंने कहा की भाजपा नेतृत्व ने एक सोची समझी रणनीति के तहत कंगना से यह बयान दिलवाया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का यही स्टैंड है और कंगना तो मात्र मुखौटा है। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान के बाद भाजपा का असली चेहरा सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा निश्चित तौर पर तीनों काले कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने का इरादा रखती है। अब फैसला हरियाणा की जनता को करना है कि जिन काले कानूनों के खिलाफ किसानों ने लंबा संघर्ष किया, लाठियां और गोलियां खाई, 750 किसानों ने अपनी शहादत दी, क्या ऐसी पार्टी को वह दोबारा सत्ता सौंपना चाहेगी। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यदि भाजपा वास्तव में इस मुद्दे को लेकर कंगना से अलग राय रखती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को खुद स्पष्टीकरण देना चाहिए।
किसानों के साथ हरियाणा की भाजपा सरकार ने जो बर्ताव किया उसका खुलासा सुप्रिया श्रीनेत ने बकायदा तस्वीरों के साथ किया। किसानों पर होने वाले लाठीचार्ज और सीमेंट की चट्टानों के साथ लोहे की कील लगा कर बंद कर दिए गए। दिल्ली हरियाणा बॉर्डर की तस्वीरें मीडिया के सामने लहराते हुए उन्होंने कहा कि अपना हक मांगने वालों को जिस प्रकार अपमानित और प्रताड़ित किया गया, उसकी मिसाल देखे नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि किसानों को आतंकवादी, मवाली, गुंडा और खालिस्तानी तक कहा गया। प्रेस वार्ता के दौरान सुप्रिया श्रीनेत ने देश के युवाओं के प्रति हरियाणा और केंद्र की मोदी सरकार के रवैए को लेकर भी हमला बोला। अग्निवीर योजना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश के जवान से शहीद का दर्जा भी छीन लिया गया है। 23 साल की आयु में उनको उनके हाल पर छोड़ दिया गया है और पेंशन की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।