Kalyug Story: कब शुरू हुआ कलयुग? देह त्यागने से पहले श्रीकृष्ण ने पांडवों को कही थी ये बात
चंडीगढ़, 9 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Kalyug Story: भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में हुए युद्ध के बाद अर्जुन सहित सभी पांडवों को कलयुग के बारे में ज्ञान देते हुए युग परिवर्तन के बारे में बताया था। कृष्ण ने कलयुग के शुरूआत से लेकर ऐसी कई घटनाओं की भविष्यवाणी की, जिनसे द्वापर युग की समाप्ति और कलयुग की शुरूआत के संकेत मिल रहे थे।
कलयुग कब शुरू हुआ था
भागवत पुराण ने अनुसार, जब श्रीकृष्ण मानव शरीर छोड़कर वैकुंठ में गमन कर गए थे तब 3102 ईसा पूर्व कलिकाल यानी कलयुग की शुरुआत हुई थी। वहीं, ज्योतिषशास्त्रीय ग्रंथों के अनुसार, कलयुग संवत 3719 वर्षों के बाद आरम्भ हुआ जबकि मध्यकाल के भारतीय ज्योतिषियों के अनुसार, जब ग्रह, सूर्य एवं चन्द्र एकत्र थे यानि चैत्र शुक्ल-प्रतिपदा पर कलियुग का आरंभ हुआ था
मनुष्य शरीर त्याग वैकुंठ गमन कर गए श्रीकृष्ण
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि इस धरा पर जन्म लेने वाले प्रत्येक जीव की मृत्यु भी निश्चित है इसलिए स्वंय श्रीकृष्ण भी इस नियम से बंधे थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनुष्य रूप त्यागने के बाद श्रीकृष्ण वैकुंठ गमन कर गए, जोकि कलयुग के शुरू होने का बड़ा संकेत माना जाता है।
पांडवों की दैवीय शक्तियां साथ छोड़ने लगीं
युधिष्ठिर को धर्मराज कहा जाता है लेकिन कलयुग आगमन के बाद उनकी निर्णय लेने की क्षमता कमजोर पड़ गई थी। वहीं, महान धनुर्धर अर्जुन अपने निशाने से चूकने लगे और भीम में भी पहले जैसा बल नहीं रहा। तलवारबाजी और घुड़सवारी में माहिर नकुल भी कमजोर पड़ हो गए और तेज दिमाग वाले सहदेव सामान्य चीजें भी भूलने लगे थे। कलयुग की शुरुआत के साथ जगह-जगह हत्या, लूटपाट, चोरी आदि घटनाएं भी बढ़ने लगी थी।
धरती पर सूखा पड़ने लगा
कलयुग के शुरू होने का एक संकेत यह भी था कि बारिश ना होने की वजह से धरती पर जगह-जगह सूखा पड़ने लगा, जिससे फसलें नष्ट होती गईं। तब प्रकृति के असंतुलन से सभी लोग परेशान थे।
बुर्जुगों और स्त्रियों का अपमान
कलयुग के शुरू होते ही स्त्रियों, बड़े-बुर्जुग, पंडित, दिव्य और सिद्ध व्यक्तियों का अपमान होने लगा था। लोगों के बीच कई कुरीतियां फैलने लगीं, जोकि कलयुग का सबसे बड़ा संकेत है।