Kaithal Crime : जमीन के कागजात बनवाने के एवज में मांगे 5 हजार, कर्मचारी गिरफ्तार
कैथल।
एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला की टीम ने वीरवार शाम के समय उपायुक्त कार्यालय के एमए ब्रांच के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। उसने एक व्यक्ति से 28 जनवरी को जमीन के कागजात बनवाने की एवज में 5 हजार रुपए मांगे थे।
रुपये लेने के लिए गत 3 फरवरी को अपने कार्यालय में बुलाया था। जब आरोपी कलायत तहसीलदार के तत्कालीन रीडर विजय चौहान को रुपये देने गया तो सूचना लीक हाेने के कारण दबिश फेल हो गई थी। बताया जा रहा है आरोपी ड्यूटी मजिस्ट्रेट का रिश्ते में भतीजा लगता है। ऐसे में शिकायतकर्ता को उस पर दबिश देने की सूचना लीक करने का शक हुआ। शिकायतकर्ता सिणंद गांव निवासी कर्ण सिंह ने एसीबी को शिकायत दी थी। उसने पैसे मांगने की ऑडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली थी।
गत तीन फरवरी को वह सुबह के समय एसीबी के कैथल कार्यालय में पहुंचा और रिश्वत मांगने की लिखित शिकायत दी। एसीबी की टीम ने उसे 5 हजार रुपये पाउडर लगे हुए नोट दे दिए, लेकिन जैसे ही एसीबी की टीम ड्यूटी मजिस्ट्रेट के साथ उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए गई तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट कोई बहाना बना वहां से चला गया। इस पर कर्ण सिंह को शक हुआ कि आरोपी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने ही दबिश की सूचना आरोपी को दे दी है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह आरोपी को रुपये देने के लिए उसके कार्यालय में चला गया।
कर्मचारी ने रिश्वत नहीं ली, जिससे टीम को वापस लौटना पड़ा। अब कार्रवाई के बाद जो तथ्य सामने आए उनमें पता लगा कि आरोपी ने रुपये मांगे थे, लेकिन ड्यूटी मजिस्ट्रेट ही आरोपी का चाचा होने के कारण यह दबिश फेल हुई थी। अब टीम ने कलायत के तत्कालीन तहसीलदार के रीडर विजय चौहान को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए रीडर विजय चौहान का कुछ दिनों पहले कलायत से तबादला कर दिया गया था और अब वह डीसी कार्यालय की एमए ब्रांच में कार्यरत था। अब एसीबी की टीम उस समय ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए जिला बाल कल्याण अधिकारी की दबिश को फेल करवाने में भूमिका के बारे पता लगा रही है।
इस संबंध में एसीबी के मुख्यालय की ओर से नियुक्त ड्यूटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए सरकार से पत्राचार किया है। एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल के इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने आरोपी विजय चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। दबिश फेल करवाने में बलवीर सिंह चौहान की भूमिका क्या रही है। जांच में जो सामने आएंगा, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।