जस्टिस बी.आर.गवई ने की हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए न्याय की वकालत
चंडीगढ़, 16 नवंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में छठा लॉ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 650 से अधिक लॉ के छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गई। समारोह में मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बी.आर. गवई थे। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत; पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू विशिष्ट अतिथि थे।
यूआईएलएस की निदेशक प्रो. श्रुति बेदी, और लॉ विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर वंदना अरोड़ा ने प्रतिष्ठित अतिथियों का अभिनंदन किया। कुलपति प्रो. रेनू विग ने अपने भाषण के साथ छठे लॉ दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया और शिक्षा के उद्देश्य, मजबूत चरित्र निर्माण, जीवन की विभिन्न चुनौतियों से निपटने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के बारे में विस्तार से बताया। तत्पश्चात्ा मुख्य अतिथि जस्टिस बी.आर.गवई ने दीक्षांत भाषण दिया।
मुख्य अतिथि ने श्रोताओं के साथ अपने संवाद से इस कार्यक्रम की भावना को आगे बढ़ाया। जस्टिस सूर्यकांत ने छात्रों को वर्षों की कड़ी मेहनत की परिणति के लिए बधाई दी और बेहतर पेशेवर कौशल विकसित करने के लिए जमीनी स्तर, विशेषकर जिला अदालतों में काम करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।
इस अवसर पर जस्टिस गवई ने हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए न्याय की वकालत करने, कड़ी मेहनत के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने और छात्रों को जीवन में उच्च लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नए उभरते क्षेत्रों में काम करने की संभावना पर भी प्रकाश डाला जहां वकील अपने कौशल को निखार सकते हैं। इस कार्यक्रम को विधि विभाग के पूर्व अध्यक्ष (डीयूआई नामित) प्रोफेसर दविंदर ने आगे बढ़ाया, जिन्होंने स्नातकोत्तर और स्नातक छात्रों को डिग्री प्रदान की।
मुख्य अतिथि जस्टिस बीआर गवई द्वारा विशेष पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किये गये। यूआईएलएस की निदेशक डॉ़ श्रुति बेदी के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन किया गया।
पंजाब विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से 650 से अधिक स्नातक छात्रों की शैक्षणिक उत्कृष्टता और उपलब्धि
का जश्न मनाया।