सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश गोयल गिरफ्तार
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 अप्रैल
सहकारिता विभाग में हुए लगभग 100 करोड़ रुपये के घोटाले में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश गोयल को बुधवार को पंचकूला से गिरफ्तार कर लिया। वह कई दिनों से भूमिगत थे और ब्यूरो की टीमें लगातार दबिश दे रहीं थी।
ब्यूरो ने शिकायत के बाद जांच के आधार पर घोटाले का पर्दाफाश किया था। पूर्व सीएम मनोहर लाल और उस समय सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने मामले में सख्ती दिखाई थी। गोयल पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सरकार के करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप है। गोयल सहकारिता विभाग की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नोडल अधिकारी थे। योजना के तहत गरीबों, किसानों व मजदूरों की मदद की जाती है।
एसीबी ने एफआईआर में नाम शामिल करने के लिए दिसंबर-2023 में गोयल के खिलाफ नियम-17ए के तहत मंजूरी मांगी थी। मुख्य सचिव से इसकी मंजूरी मिलने के बाद गोयल ने दो बार अग्रिम जमानत के प्रयास भी किए। पहले सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज हुई। उसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। उनका पासपोर्ट एसीबी ने पहले ही जब्त कर लिया था।
30 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी
एंटी करप्शन ब्यूरो इस घोटाले में 30 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। इनमें 10 वरिष्ठ अधिकारी और 20 अन्य शामिल हैं। मामले में आरोपी असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिश सहित करीब छह अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अनु कौशिश और बिजनेसमैन स्टालिनजीत सिंह मुख्य आरोपी हैं। आरोप है कि अधिकारियों ने फर्जी बिल और फर्जी कंपनियों के नाम पर सरकारी पैसा हड़पा। यह पैसा हवाला के जरिये दुबई और कनाडा तक भी पहुंचाया गया।