जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव अलावलपुर अपनी दुर्दशा के आंसू बहा रहा है। अलावलपुर से बढ़राम-सदरपुर-जवां-फतेहपुर बिल्लोच जाने वाली मुख्य सड़क पर गांव में जलभराव की समस्या अब नासूर बन गई है। वर्षा के दिनों में तो यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। मुख्य मार्ग पर गांव अलावलपुर के सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं को गंदे, बदबूदार पानी से गुजरना पड़ता है। सड़क पर रोजाना हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं और जिन्हें भी इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है। पृथला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह गांव यूं तो तेवतिया पाल-खाप की राजधानी कहा जाता है और चुनावों के समय इस गांव के फैसले का क्षेत्र की राजनीति में गहरा असर पड़ता है, लेकिन गांव की समस्या को दूर कराने के लिए सत्ताधारी नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के पास सिर्फ आश्वासन ही हैं। ग्रामीण पिछले 8 साल से इस गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं और उन्हें मिल रहे हैं तो मात्र आश्वासन।
विधानसभा में उठाया था मुद्दा : विधायक
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पृथला विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक रघुबीर तेवतिया का कहना है कि अलावलपुर गांव निवासी वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। मुझे विधायक बने अभी एक साल भी नहीं हुआ है और मैंने इस समस्या को विधानसभा सत्र में बुलंद आवाज से उठाया, जिला ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में केबिनेट मंत्री आरती सिंह राव के समक्ष भी लोगों की आवज उठाई थी। इस अवसर पर अधिकारियों ने मौका-मुआयना कर लोगों को थोड़ी राहत जरूर दी है लेकिन फिर से लोगों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो गई है।
जोहड़ों की नहीं हुई सफाई
आने-जाने में परेशान ग्रामीण। -हप्र
गांव में जलभराव की समस्या की जड़ इस सड़क पर अलावलपुर गांव में बने 3 पुराने जोड़हों का हमेशा ओवरफ्लो रहना है। 8 साल से ये जोहड़ गंदगी से भरे पड़े हैं, मगर ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है और सफाई के अभाव में जोहड़ ओवरफ्लो हैं। गंदा पानी मुख्य सड़क व गलियों में बह रहा है। गांव का सारा वातावरण दूषित हो रहा है। लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। जोहड़ का पानी घरों में घुस रहा है। यहां बिमारियां फैलने का भी खतरा पनप रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के दोनों ओर जोहड़ है जबकि सरकारी स्कूल के पीछे देवी मंदिर व लक्षण वाली जोहड़ है। वर्षों से इन जोहड़ों की सफाई तक नहीं हुई है, वहीं अवैध कब्जे भी समस्या का मुख्य कारण हैं। सड़क के दोनों ओर बनी नालियां भी ओवरफ्लो रहती है।