जजपा और दुष्यंत ने भाजपा से पहले हुड्डा से की थी समर्थन की पेशकश : दिग्विजय
जींद, 13 अप्रैल (हप्र)
जजपा के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय चौटाला ने शनिवार को जींद में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को लेकर दो बड़ी बातें कही। उन्होंने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जब त्रिशंकु विधानसभा बनी थी, तब दुष्यंत चौटाला और जजपा ने सरकार बनाने के लिए समर्थन की पहली पेशकश पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से की थी, जिसे हुड्डा ने नकार दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि दो बार प्रदेश के सीएम रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम के अपने साढ़े चार साल के शासनकाल में उस पद की ताकत का एहसास करवा दिया, जिसे हुड्डा झुनझुना बताते थे।
दिग्विजय चौटाला शनिवार शाम को जींद के जजपा कार्यालय में पत्रकार सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह पूरी जिम्मेदारी और आदर के साथ पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को फिर से चुनौती दे रहे हैं कि वह इस बात को गलत साबित कर दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा और कांग्रेस में किसी को बहुमत नहीं मिला था, और जजपा किंग मेकर की भूमिका में थी, तब जजपा ने समर्थन देकर सरकार बनाने के लिए पहले ऑफर भूपेंद्र हुड्डा को दी थी।
उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मसले पर वह भूपेंद्र हुड्डा के साथ आमने-सामने बैठकर सारे सबूत भी रख देंगे।
पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर पर बोला हमला
दिग्विजय चौटाला ने प्रदेश के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर पर यह कहकर हमला बोला कि लगभग साढ़े 9 साल प्रदेश के सीएम रहने के बावजूद खट्टर जनता के दिलों पर राज नहीं कर पाए।
जजपा और भाजपा के बीच गठबंधन फ्रेंडली तरीके से टूटा या नहीं, इस पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जजपा ने भाजपा से लोकसभा की दो सीटों की मांग की थी। भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश सरकार से मांग की कि बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपए महीना कर दी जाए। यह बात भी मनोहर लाल सरकार ने नहीं मानी, तो दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए। ग्रामीण क्षेत्रों में दुष्यंत चौटाला और खुद विरोध को लेकर से जुड़े सवाल पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि विरोध करने वाले आम लोग न होकर कांग्रेस और इनेलो के कार्यकर्ता हैं।
चौटाला परिवार के एक होने पर दिग्विजय ने कहा कि इसका फैसला न तो अजय चौटाला कर सकते हैं, और न अभय चौटाला कर सकते हैं। इस मामले में गेंद इनेलो सुप्रीमो के पाले में है।
उन्होंने दुष्यंत चौटाला, अजय चौटाला को इनेलो से बाहर किया था। अपने पिता के आदेश को उनके पिता अजय चौटाला ने सिर झुकाकर स्वीकार किया था। आगे भी दादा ओमप्रकाश चौटाला का जो फैसला होगा, वह उनके पिता अजय चौटाला और उनके परिवार को स्वीकार होगा।
माना, जुगाड़ से बनाई थी सरकार
जजपा के सत्ता से बाहर होते ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत अनेक नेताओं के पार्टी छोड़ देने से जुड़े सवाल पर दिग्विजय चौटाला ने माना कि जजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जुगाड़ से 10 विधायक बने थे। उस समय जुगाड़ के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। पार्टी नेताओं के पार्टी छोड़ने को दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जिस तरह पतझड़ के बाद बसंत ऋतु में नयी-नयी पत्तियां पेड़ों पर आती हैं, उसी तरह जजपा भी अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ आगे फलेगी और फूलेगी। यह सही है कि जजपा कार्यकर्ताओं को अब एक और संघर्ष में उतरना है। उनके साथ विधायक अमरजीत ढांडा, कुलदीप पिंडारा, अमिता ढांडा, विकास सिहाग, सुनील कंडेला, गुरदीप सांगवान, मदन धानक, कर्मपाल ढुल आदि भी थे।