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चौटाला को बराबरी की टक्कर दे रहे जींद का डूमरखां, रोहतक का सांघी

08:00 AM May 16, 2024 IST
चौटाला को बराबरी की टक्कर दे रहे जींद का डूमरखां  रोहतक का सांघी
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 15 मई
हरियाणा में भले ही किसी एक गांव की सबसे बड़ी राजनीतिक पहचान सिरसा जिले के चौटाला गांव की हो, लेकिन जींद जिले का डूमरखां कलां और रोहतक का सांघी गांव चौटाला को बराबर की टक्कर दे रहे हैं। प्रदेश के किसी एक गांव द्वारा लोकसभा के सबसे ज्यादा सांसद देने का रिकॉर्ड पहले सिरसा जिले के चौटाला गांव के नाम दर्ज हुआ था। इस रिकॉर्ड की बराबरी बाद में रोहतक जिले के सांघी और उसके बाद जींद जिले के डूमरखां कलां गांव ने की।
सिरसा के चौटाला, रोहतक के सांघी और जींद के डूमरखां कलां से देश की लोकसभा को 3-3 सांसद मिले हैं। चौटाला गांव से पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, पूर्व सांसद डॉ़ अजय चौटाला और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला शामिल संसद पहुंचे। अभय चौटाला ने भी कोशिश की और अब भी जारी है, लेकिन अभी तक उनका संसद पहुंचने का सपना साकार नहीं हो सका।
चौधरी देवीलाल सोनीपत, रोहतक, सीकर से सांसद चुने गए थे। जब वे 1989 में रोहतक और सीकर दोनों लोकसभा सीटों से चुनाव जीत गए थे, तब उन्होंने रोहतक से इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा में राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व देश के उपप्रधानमंत्री और कृषि मंत्री रहते किया था। उनके पोते अजय चौटाला भिवानी से 1999 में सांसद चुने गए थे। चौ़ देवीलाल के पर पौते और प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला 2014 में हिसार से इनेलो की टिकट पर सांसद चुने गए थे।
इसी तरह से रोहतक के सांघी गांव से भी 3 लोग लोकसभा में पहुंचे। इनमें चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा, उनके बेटे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पोता दीपेंद्र हुड्डा शामिल हैं। इतना ही नहीं, इनमें रणबीर सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सदस्य भी रहे। चौ़ रणबीर सिंह संविधान सभा के सदस्य भी रहे। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने रोहतक से 1991, 1996, 1998, 2004 में चुनाव जीता। 2005 में सीएम बनने के बाद रोहतक सीट पर हुए उपचुनाव के जरिये दीपेंद्र हुड्डा पहली बार संसद पहुंचे। इसके बाद दीपेंद्र ने 2009 और 2014 में भी जीत हासिल की।
वहीं जींद जिले के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र के डूमरखां कलां गांव से भी लोकसभा के तीन सांसद बने हैं। इनमें 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर हिसार से डूमरखां कलां गांव के इंद्र सिंह श्योकंद सांसद बने थे। उनके बाद 1984 में इसी गांव के चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा में पहुंचे थे। 2019 में हिसार से भाजपा की टिकट पर चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह सांसद बने थे।

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ये गांव एक पायदान पीछे

रेवाड़ी का रामपुरा और हिसार का मोहम्मदपुर रोही तथा प्रभुवाला गांव लोकसभा सांसदों की संख्या के मामले में सिरसा के चौटाला, रोहतक के सांघी और जींद के डूमरखां कलां गांव से एक पायदान पीछे हैं। रामपुरा से प्रदेश के पूर्व सीएम राव वीरेंद्र सिंह और उनके बेटे वर्तमान में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सांसद बने हैं। हिसार के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के मोहम्मदपुर रोही गांव से पूर्व सीएम भजनलाल और उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई सांसद बने हैं। भव्य बिश्नोई ने 2019 में कोशिश की थी लेकिन उनकी बात नहीं बन पाई। इस जिले के प्रभुवाला गांव से पहले चौधरी दलबीर सिंह और बाद में उनकी बेटी कुमारी सैलजा सिरसा से सांसद बनी। दोनों ही केंद्र में मंत्री भी रहे।

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