बिगड़ रही जींद की आबोहवा एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
276 तक पहुंचा एक्यूआई
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 24 अक्तूबर
जींद की आबोहवा लगातार बिगड़ रही है। किसानों द्वारा धान की पराली जलाने से यह समस्या हो रही है। वहीं शहर में सरकारी निर्माण कार्यों में धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने की गाइडलाइन का पालन नहीं करना भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। बुधवार को जींद में एक्यूआई का स्तर 275 पर जा पहुंचा तो बृहस्पतिवार को यह 276 पर पहुंच गया, जोकि खतरनाक की श्रेणी में आता है। सोमवार को जींद का एक्यूआई 210 और मंगलवार को 225 था। इन दिनों पुराने बस स्टैंड के पास जेडी-7 पर सड़क निर्माण हो रहा है। लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार को यहां लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए, मगर ठेकेदार पानी का छिड़काव करने के नाम पर महज औपचारिकता पूरी कर रहा है। पूरा दिन यहां धूल उड़ती रहती है। सड़क पर बने तीन निजी अस्पतालों और पूर्व सैनिकों की ईसीएचएस क्लिनिक में आने वाले मरीजों को भारी दिक्कत हो रही है। विजयपाल मघान, रमेश गुप्ता, गंगा लाठर, आस्था अस्पताल संचालक डॉ़ सोनल ने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान पानी का छिड़काव लगातार नहीं किए जाने से मरीजों, उनके परिजनों और आमजन को भारी परेशानी हो रही है।
नंदीशाला से ओल्ड पावर हाउस तक धूल ही धूल
जयंती देवी मंदिर के पास नंदीशाला से लेकर ओल्ड पावर हाउस तक इन दिनों धूल उड़ रही है। सड़क के बीच डिवाइडर निर्माण के कारण धूल का गुबार उड़ता रहता है। जींद से 3 किलोमीटर दूर इक्कस गांव में रद्दी टायर फूंकने की दो फैक्टरियां हैं। इन फैक्टरी में जब टायर जलाए जाते हैं, तब आसमान में धुएं का गुबार फैल जाता है। इससे इक्कस, जलालपुर खुर्द, जलालपुर कलां और जींद में हांसी रोड पर रहने वाले लोगों की सांसों में जहरीला धुआं भर जाता है।
ठेकेदार को पानी के छिड़काव के निर्देश
लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता राजकुमार नैन का कहना है कि जेडी-7 पर चल रहे सड़क निर्माण की साइट पर ठेकेदार को दिन में कई बार पानी का छिड़काव करने को कहा गया है, ताकि धूल नहीं उठे और लोगों को किसी तरह की कोई परेशान नहीं हो।
नारनौल में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार
नारनौल (हप्र) : जिला महेंद्रगढ़ में उत्तरी हवाएं चलने जैसे ही फिजाओं में सुबह हल्की ठंड घुलने लगी वहीं भी धीरे-धीरे वातावरण और हवाओं में भी जहर घुलने लगा है। बृहस्पतिवार दोपहर से पहले हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार जिले में नारनौल की वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 को पार गया। 204 जबकि जिला महेंद्रगढ़ में अटेली का और महेंद्रगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक क्रमश: 195 व 200 रहा, जबकि कनीना 190, नांगल चौधरी 198 और सतनाली का 185 पर पहुंच गया। एक्यूआई शनिवार और दीपावली पर्व के दौरान बहुत खराब श्रेणी में रहेगा और अगले हफ्ते गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है। यह बताता है कि हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इससे आपके स्वास्थ्य पर कितना प्रभाव पड़ सकता है। एक्यूआई को 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम और 201 से 300 के बीच खराब माना जाता है।