For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Jind News : पावन दिन, पवित्र स्नान; पिंडतारक तीर्थ में गूंजे जयकारे, सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

05:55 PM May 26, 2025 IST
jind news   पावन दिन  पवित्र स्नान  पिंडतारक तीर्थ में गूंजे जयकारे  सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
पिंडारा के पिंडतारक तीर्थ में सोमवती अमावस्या पर स्नान करते श्रद्वालु। हप्र
Advertisement

जसमेर मलिक/जींद, 26 मई(हप्र) (हमारे प्रतिनिधि)

Advertisement

Jind News : सोमवार को ज्येष्ठ माह की सोमवती अमावस्या पर जींद के पिंडारा गांव के महाभारतकालीन पिंडतार्क तीर्थ में हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किए। यह अमावस्या विशेष संयोग के साथ आई। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगलवार सुबह तक अमावस्या की तिथि रहेगी।

सोमवार दोपहर बाद पिंडारा तीर्थ पर श्रद्धालु पहुंचे और आस्था की डूबकी लगाकर पिंडदान किया तथा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति की कामना की। पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किवदंती है कि महाभारत युद्ध के बाद अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की थी।

Advertisement

तभी से यह माना जाता है कि पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं ने यहां खरीददारी भी की।

जींद के जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि 26 मई सोमवार को दोपहर 12:11 बजे शुरू हुई और और 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी। श्रद्धालुओं ने वट सावित्री व्रत भी रखा। सोमवती अमावस्या पर पितरों को तर्पण देने से पितृ दोष से राहत मिलती है। यह दिन आध्यात्मिक शुद्धि, प्रार्थना करने और दान के कार्य करने के लिए समर्पित है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, तर्पण, पिंडदान,जप-तप, पूजन, दान आदि करने का विधान है।

ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिजनों पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। माना जाता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन तर्पण करने से पितृ सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा लाभ-उन्नति योग भी रहा है। इस दिन दान करने से 100 गुणा फल मिलता है।

Advertisement
Tags :
Advertisement