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लिंगानुपात में जींद जिले ने लगाई एक पायदान की छलांग, प्रदेश में पांचवें स्थान पर

07:52 AM Apr 03, 2025 IST
लिंगानुपात में जींद जिले ने लगाई एक पायदान की छलांग  प्रदेश में पांचवें स्थान पर
जींद का सिविल सर्जन कार्यालय।- हप्र
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जसमेर मलिक/ हमारे प्रतिनिधि
जींद, 2 अप्रैल
प्रदेश में लिंगानुपात के मामले में जींद जिला इस साल लगातार तीसरे महीने भी बहुत बेहतर स्थिति में बना हुआ है। जनवरी और फरवरी के छठे स्थान से एक छलांग ऊपर जींद जिला इस साल मार्च में प्रदेश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। जिले का लिंगानुपात 944 पर पहुंच गया है, जो प्रदेश के 17 जिलों से ज्यादा है।
हरियाणा के मध्य में स्थित जींद जिला कभी लिंगानुपात के मामले में प्रदेश में लगातार कई साल तक रेड जोन में रहा था। यह दौर वह था, जब जींद का लिंगानुपात लगभग 700 पर रहता था। उस दौर में जींद जिला बेटियों को जन्म लेने से पहले ही मां की कोख में मरवा देने के लिए बहुत बदनाम था। बेटियों को अभिभावक बोझ मानते थे और इस बोझ से वह बेटी के जन्म लेने से पहले ही मुक्ति पाने के लिए गर्भ में ही कन्या की हत्या करवा देते थे।

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जींद जिला बना नजीर 

अब बदले हुए सामाजिक हालात और परिवेश में जींद जिला लिंगानुपात के मामले में प्रदेश के कई जिलों के लिए नजीर बना हुआ है। साल 2025 के पहले 2 महीने जनवरी और फरवरी में प्रदेश में छठे स्थान पर था। मार्च में 944 के लिंगानुपात के साथ जींद जिला प्रदेश में पांचवें स्थान पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को लिंगानुपात के आंकड़े जारी किए। इसमें 944 के लिंगानुपात के साथ जींद जिला प्रदेश में पांचवें स्थान पर है।

बेटियों के जन्म के मामले में भा रही जींद की धरती

जींद की धरती बेटियों को जन्म लेने के मामले में पिछले कुछ सालों से खूब भा रही है। साल 2022 में तो जींद जिला लिंगानुपात में पूरे प्रदेश में कई महीने तक पहले स्थान पर रहा था। 2013 में भी जींद जिला लिंगानुपात में प्रदेश में कई महीने तक टॉप पर रहा। साल 2024 में भी जींद जिला लिंगानुपात में प्रदेश के टॉप सात जिलों में शुमार रहा। जिले के लिंगानुपात में लगातार सुधार को लेकर डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने स्वास्थ्य विभाग की पीठ थपथपाई। सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली ने कहा कि पीएनडीटी प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया की मेहनत और डीसी मोहम्मद इमरान रजा के सहयोग से लिंगानुपात सुधार रहा है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता और सख्ती दोनों से बात बनी है।

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फतेहाबाद प्रथम, चरखीदादरी सबसे निचले पायदान पर

993 के लिंगानुपात के साथ फतेहाबाद जिला प्रदेश में पहले स्थान पर है। 974 के लिंगानुपात के साथ झज्जर दूसरे, 972 के लिंगानुपात के साथ पंचकूला और यमुनानगर संयुक्त रूप से तीसरे और 964 के लिंगानुपात के साथ कुरुक्षेत्र जिला चौथे स्थान पर है। 933 के लिंगानुपात के साथ पानीपत प्रदेश में छठे स्थान पर है तो 929 के लिंगानुपात के साथ सिरसा जिला सातवें, 922 के लिंगानुपात के साथ भिवानी जिला आठवें, 919 के लिंगानुपात के साथ नूंह जिला नौवें, 918 लिंगानुपात के साथ हिसार और सोनीपत दसवें स्थान पर है।

रेड क्लब में प्रदेश के 8 जिले

प्रदेश के 8 जिले 900 से कम लिंगानुपात वाले रेड जोन में हैं। इनमें करनाल का लिंगानुपात 893, पलवल का 891, महेंद्रगढ़ का 890, कैथल का 889, रेवाड़ी का 888, रोहतक का 883, गुरुग्राम का 827 और चरखीदादरी का लिंगानुपात 819 है।

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