Jind Civil Hospital : घायलों के उपचार में आनाकानी की होगी जांच
जींद, 10 जनवरी (हप्र) : मंगलवार की रात जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे पर हुए सड़क हादसे में घायल मजदूर के उपचार में जींद के सिविल अस्पताल (Jind Civil Hospital) के इमरजेंसी वार्ड में तैनात एमओ द्वारा आनाकानी किए जाने की जांच होगी। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसे 3 दिन में अपने रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन को सौंपनी होगी। इसके अलावा मंगलवार रात एमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉ अमित से भी इस मामले में व्यक्तिगत रूप से जवाब-तलब किये हैं।
Jind Civil Hospital-घायलों के इलाज में की थी आनाकानी
गौरतलब है कि मंगलवार रात जींद- सोनीपत ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे पर सड़क हादसे में जींद जिले के उचाना कलां क्षेत्र के कहसून गांव के कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को जींद रोड सेफ्टी के सदस्य सुनील वशिष्ठ खुद अपनी गाड़ी में सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे। सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घायलों के उपचार में आनाकानी की गई।
वशिष्ठ ने आरोप लगाया था कि एमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ अमित ने घायलों को प्राथमिक उपचार दिए बिना ही रोहतक ले जाने के लिए कहा था। सुनील वशिष्ठ ने पूरे मामले को विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा और डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया के नोटिस में लाया था। वशिष्ठ ने मामले की जांच की जांच और इसमें कार्रवाई की मांग भी की थी।
अस्पताल प्रशासन ने गठित की जांच कमेटी, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट
सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ राजेश भोला ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जांच कमेटी में सिविल अस्पताल के आरएमओ डॉ विजेंद्र घनगस, एसएमओ डॉ आरएस पूनिया और एमरजेंसी वार्ड की इंचार्ज सिस्टर को शामिल किया गया है।
इस जांच कमेटी को 3 दिन में अपनी रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन को सौंपने के लिए कहा गया है। इसके अलावा इस मामले में मंगलवार रात सिविल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात मेडिकल अफसर डॉ अमित से भी व्यक्तिगत रूप से जवाब मांगा गया है।
Jind Civil Hospital -जांच रिपोर्ट के बाद करेंगे करवाई
डॉ भोला सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ राजेश भोला ने कहा कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जांच कमेटी में एमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात मेडिकल अफसर को घायलों के उपचार में आनाकानी करने का दोषी पाया तो एमओ पर कार्रवाई होगी।