Jind : लिंगानुपात में यमुनानगर टॉप पर तो चरखी दादरी सबसे निचले पायदान पर
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 12 मार्च
जींद के लिंगानुपात में इस साल वृद्धि का दौर जनवरी के बाद फरवरी में भी जारी रहा। जनवरी में जहां जींद का लिंगानुपात 955 था, वहीं फरवरी में ये बढ़कर 962 हो गया। 995 के लिंगानुपात के साथ यमुनानगर प्रदेश में टॉप पर तो 962 के लिंगानुपात के साथ जींद जिला प्रदेश में छठे स्थान पर है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के लिंगानुपात के फरवरी महीने के जो आंकड़े जारी किए हैं, उनमें 992 के लिंगानुपात के साथ फतेहाबाद दूसरे, 976 के लिंगानुपात के साथ झज्जर तीसरे, 967 के के लिंगानुपात के साथ भिवानी चौथे, 966 के लिंगानुपात के साथ कुरुक्षेत्र 5वें और 962 के लिंगानुपात के साथ जींद प्रदेश में छठे स्थान पर है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा का कहना है कि जींद प्रशासन लोगों को समझने में कामयाब हो रहा है कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है।
770 के लिंगानुपात के साथ चरखी दादरी सबसे निचले पायदान पर
चरखी दादरी जिला 770 के लिंगानुपात के साथ प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर है। चरखी दादरी के अलावा प्रदेश में 800 से कम किसी और जिले का लिंगानुपात नहीं है। 900 से कम लिंगानुपात वाले जिलों में गुरुग्राम, कैथल, करनाल, पलवल, रेवाड़ी और रोहतक शामिल हैं। इनमें रोहतक का लिंगानुपात 878, रेवाड़ी का 860, पलवल का 870, करनाल का 891, कैथल का 867, गुरुग्राम का 876 और फरीदाबाद का लिंगानुपात 885 है।
जागरूकता व सख्ती से बनी बात : डॉ़ कटारिया
एक दौर में बेटियों को जन्म देने से पहले गर्भ में ही मरवा देने के लिए बदनाम रहे जींद में लिंगानुपात में सुधार दर्ज हो रहा है, तो इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं करने बारे जागरूक किए जाने के साथ-साथ अवैध गर्भपात करवाने पर सख्ती से राेक लगाई जा रही है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया ने कहा कि लिंगानुपात सुधारने में तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।