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तारीख बदलने के साथ राजनीतिक स्वरूप बदलता रहा झज्जर

08:17 AM Sep 04, 2024 IST

प्रथम शर्मा/हप्र
झज्जर, 3 सितंबर
हरियाणा के झज्जर की पहचान कैलेंडर की तारीख बदलने के साथ-साथ अपना स्वरूप बदलती रही है। सूबे के गठन के बाद लोकसभा से विधानसभा सीट तक सीमित हो जाने वाला झज्जर, 1977 के बाद से आरक्षित सीट है। दरअसल, पहचान बदलने के इस सिलसिले से जुड़ा पक्ष एक यह भी है कि झज्जर का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने सूबे में ही नहीं देश भर में खूब नाम कमाया है।
सूबे को पहले मुख्यमंत्री के रूप में पंडित भगवत दयाल शर्मा, पहले उप-मुख्यमंत्री चौधरी चांदराम, पहले विस उपाध्यक्ष चौधरी मनफूल सिंह और पहले केंद्रीय मंत्री शेर सिंह, चारों नेता झज्जर विधानसभा सीट की देन हैं। हरियाणा गठन के बाद से 2019 तक तीन महिला विधायकों ने झज्जर सीट का प्रतिनिधित्व किया है, तीनों सूबे की कैबिनेट मंत्री के पद तक पहुंची हैं। बहरहाल, अक्तूबर में होने वाला चुनाव सिर पर है। भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है अभी कहना संभव नहीं है। इतना जरूर है कि 1977 के बाद आरक्षित हुई झज्जर सीट को पुन: सामान्य श्रेणी में लाने के लिए एक दफा फिर नए सिरे से आवाज उठने लगी है।
चौ़ चांदराम देश की आजादी के बाद पहली बार 1952 में संयुक्त पंजाब में झज्जर से विधायक बने। 1967 में हरियाणा विशाल पार्टी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे और करीब 10 महीने तक पद पर रहे। अपने राजनीतिक करिअर में चांदराम सात बार विधायक और सांसद रहे। सूबे के गठन के करीब पांच माह बाद ही राज्य में पहला डिप्टी सीएम बन गया था। वे चांदराम थे, जिन्होंने पहले सरकार गिराई और फिर दूसरी सरकार में डिप्टी सीएम की कुर्सी पाई। 1967 और 1968 में लगातार विधायक चुने गए। राव बीरेंद्र सिंह की सरकार गिरने के बाद वह देवीलाल के लोकदल में शामिल हो गए।

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मेधावी कीर्ति, कांता व गीता ने निभायी जिम्मेदारी

सूबे के गठन के बाद से अभी तक के चुनाव में तीन महिलाओं का नाम झज्जर विधानसभा से जुड़ा है। सबसे पहले 1987 की लहर में मेधावी कीर्ति ने बिहार से हरियाणा में आकर झज्जर से विधानसभा चुनाव लड़ा। वे चुनाव जीती और प्रदेश की स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री बनीं। वर्ष 1996 में पिता रामकिशन दहिया की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद हुए उपचुनाव में कांता बड़े मार्जन के साथ चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची और बंसीलाल की सरकार में मंत्री बनीं। 2009 के चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में झज्जर का प्रतिनिधित्व करने वाली गीता भुक्कल को भी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य मंत्रालयों की जिम्मेवारी दी गई।

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