सजा पर जल्द फैसला लें जत्थेदार साहिब
गुरतेज सिंह प्यासा/निस
संगरूर, 22 नवंबर
सुखबीर सिंह बादल ने जत्थेदार अकाल तख्त साहिब को फिर से पत्र लिखकर कहा है कि उन पर फैसले की घोषणा जल्द की जाए। सुखबीर को अकाल तख्त ने तनखइया घोषित कर रखा है। सुखबीर ने जत्थेदार को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और अब वह एक सामान्य सिख की तरह श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होना चाहते हैं और इस पर जल्द फैसला लिया जाना चाहिए।
सुखबीर ने जत्थेदार अकाल तख्त साहिब को लिखे पत्र में कहा है, ‘मैं आपसे दास को सिख समुदाय के सर्वोच्च तीर्थ श्री अकाल तख्त साहिब जी से तनखइया सेवक घोषित करने का अनुरोध करता हूं। जिसका मेरे मन पर गहरा प्रभाव हुआ है। दास ने अब शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। दास एक निमाणे सिख की तरह विनम्रता और सम्मान के साथ श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होना चाहते हैं। कृपया दास का अनुरोध स्वीकार करें।’
हालांकि इस पत्र की आधिकारिक पुष्टि अकाल तख्त सचिव ने नहीं की है, लेकिन यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर सिंह साहिबों की बैठक आने वाले दिनों में कभी भी हो सकती है।
सुखबीर सिंह बादल के मामले में 25 नवंबर की सुबह जत्थेदार धार्मिक संगठनों, टकसालों, निहंग सिंह संगठनों, सिंह सभाओं, सभा सोसायटियों आदि के नेताओं की राय लेने के लिए एक सभा बुला सकते हैं। पंज सिंह साहिब अगले सप्ताह इस मामले पर चर्चा कर सकते हैं। सुखबीर बादल के विरोधी जहां श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से पार्टी के भविष्य के लिए बादल का धार्मिक सजा जल्द देकर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं अकाली नेता भी सिख सिद्धांतों और शिष्टाचार के अनुसार धार्मिक सजा देने की मांग कर रहे हैं। श्री अकाल तख्त साहिब की परंपरा को स्थापित करने का अनुरोध किया है।
देश-विदेश के सिखों और सिख संगठनों की नजर इस मसले पर लगी है। सूत्रों के मुताबिक अगर किसी कारण से 25 नवंबर को बैठक नहीं हो पाई तो नवंबर के आखिरी हफ्ते में बैठक बुलाए जाने की संभावना है। श्री अकाल तख्त साहिब से तनखइया घोषित होने के बाद सुखबीर सिंह बादल 31 अगस्त को जत्थेदार को शिकायत पत्र दे चुके हैं।