Japan: झूठे आरोप में काटी इवाओ हाकामादा ने 60 साल जेल की सजा, अब पुलिस प्रमुख ने मांगी माफी
तोक्यो, 22 अक्तूबर (एपी)
Longest prison sentence: जापान के पुलिस प्रमुख ने सोमवार को 88 वर्षीय पूर्व मुक्केबाज इवाओ हाकामादा से माफी मांगी, जिन्हें हत्या के झूठे आरोप में करीब 60 साल तक जेल में रखा गया था। हाकामादा को 1966 में एक व्यापारी और उसके परिवार के तीन अन्य सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था, और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, इस साल शिजुओका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने माना कि पुलिस और अभियोजकों ने हाकामादा के खिलाफ सबूत गढ़ने के लिए आपस में साठगांठ की थी। कोर्ट ने यह भी खुलासा किया कि पुलिस ने बंद कमरे में घंटों तक हिंसक पूछताछ की, जिसके बाद हाकामादा को जुर्म कबूलने के लिए मजबूर किया गया।
हाकामादा का मामला दुनिया भर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का ध्यान आकर्षित कर चुका है। उनकी गिरफ्तारी और लंबी कैद के दौरान, उनकी बहन हिडेको लगातार उनके लिए न्याय की मांग करती रहीं। हाकामादा को इस साल मार्च में रिहा कर दिया गया था और अब जापान में कानून और न्याय प्रक्रिया की गंभीर समीक्षा की जा रही है।
अदालत ने कहा कि पुलिस और अभियोजकों ने हाकामादा के खिलाफ सबूत गढ़ने के लिए साठगांठ की और उन्हें घंटों तक बंद कमरे में चली हिंसक पूछताछ के बाद जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया। हाकामादा को इस महीने की शुरुआत में बरी किया गया जिससे अपनी बेगुनाही साबित करने की उनकी करीब 60 साल लंबी कानूनी लड़ाई खत्म हो गयी।
शिजुओका प्रांत के पुलिस प्रमुख ताकायोशी सुडा सोमवार को हाकामादा के घर उनसे मिलने पहुंचे तथा उनसे व्यक्तिगत तौर पर माफी मांगी। जब वह कमरे में घुसे तो हाकामादा उनका अभिवादन करने के लिए खड़े हो गए।
सुडा ने उनसे कहा, ‘‘हमें खेद है कि गिरफ्तारी के समय से लेकर बरी होने तक पूरे 58 बरस आपको ऐसे मानसिक कष्ट और बोझ का सामना करना पड़ा, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। हम माफी मांगते हैं।''
साथ ही उन्होंने मामले की उचित जांच का भी वादा किया। पूर्व मुक्केबाज को एक कंपनी के कार्यकारी और उसके परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के आरोप में अगस्त 1966 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें शुरुआत में 1968 में एक जिला अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी लेकिन बरसों तक चली अपील पर सुनवाई के कारण सजा तामील नहीं की जा सकी।
सुप्रीम कोर्ट को उनकी पहली अपील खारिज करने में करीब तीन दशकों का वक्त लगा। हाकामादा दुनिया में मौत की सजा पाने के बाद सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाले कैदी हैं। उनके मामले ने जापान में मौत की सजा को लेकर फिर से बहस और जांच में पारदर्शिता तथा अपील के लिए कानूनी बदलाव की मांग शुरू कर दी है।