जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शोधार्थी प्रखर यूरोपीय संघ के लोनली-ईयू प्रोजेक्ट के लिए ओपन साइंस ऑफिसर नियुक्त
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मनोविज्ञान विभाग में प्रो. समीना बानो के मार्गदर्शन में पीएचडी शोधार्थी प्रखर श्रीवास्तव को यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित लोनली-ईयू प्रोजेक्ट के लिए ओपन साइंस ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य पूरे यूरोप में सामाजिक अलगाव एवं एकाकीपन को समझना, ट्रैक करना और कम करना है। इसका एक प्रमुख परिणाम सामाजिक अलगाव और एकाकीपन (एसआईएल) नेटवर्क यूरोप होगा जो सरकारों, शोधार्थियों और संगठनों को दीर्घकालिक समाधान को चालू रखने के लिए एकजुट करने वाला एक मंच है।
जर्मनी के रुहर यूनिवर्सिटी बोचुम के प्रोफेसर माइक लुहमैन के नेतृत्व में यह परियोजना नीदरलैंड में व्रीजे यूनिवर्सिटिट र्डम, फ्रांस में एनेसी बिहेवियरल साइंस लैब, इटली में यूनिवर्सिटा कैटोलिका डेल सैक्रो कुओर, पोलैंड में एस डब्ल्यू पी एस यूनिवर्सिटी, इटली में मिलान यूनिवर्सिटी 'स्टेटेल' और नीदरलैंड में फियोटी सहित सात प्रमुख यूरोपीय शोध संस्थानों को एक साथ लाती है। ये संस्थान एकाकीपन की वैज्ञानिक समझ को बढ़ाने, माप उपकरणों को परिष्कृत करने और साक्ष्य-आधारित हस्तक्षेप विकसित करने के लिए काम करेंगे। वर्तमान में एबीएसएल में एक वरिष्ठ शोधकर्ता, प्रखर लोनली-ईयू परियोजना के अंदर एबीएसएल की ओपन साइंस पहलों का नेतृत्व करेंगे और वह भी यह सुनिश्चित करते हुए कि शोध पारदर्शी, सुलभ और प्रभावशाली हो। उनकी जिम्मेदारियों में शोध डेटा प्रबंधन दिशानिर्देश विकसित करना, दक्षता के लिए वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करना तथा ओपन-एक्सेस प्रकाशनों को बढ़ावा देना शामिल है। वह डेटा गोपनीयता प्रोटोकॉल की देखरेख भी करेंगे और नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों एवं जनता तक निष्कर्षों के व्यापक प्रसार की सुविधा प्रदान करेंगे। इस परियोजना को यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष एवलिन रेगनर का समर्थन प्राप्त है और यह वैश्विक संगठनों जैसे कि ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन लोनलीनेस एंड कनेक्शन, ओईसीडी सेंटर ऑन वेल-बीइंग और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सहयोग करती है। लोनली-ईयू परियोजना का उद्देश्य खुले विज्ञान प्रथाओं और वैश्विक भागीदारी को एकीकृत करके अत्याधुनिक शोध को व्यावहारिक समाधानों में बदलना है जो पूरे यूरोप में जीवन को बेहतर बनाते हैं। गौर हो कि प्रखर ग्रेटर नोएडा निवासी हैं। उनके पिता नरेंद्र निर्मल वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार हैं। उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य के क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है। प्रखर की माता गृहिणी हैं। प्रखर को मिली इस उल्लेखनीय सफलता के लिए अनेक लोगों ने उन्हें बधाई दी है।