एनएच-305 पर जलोड़ी जोत सुरंग जल्द बनेगी हकीकत
शिमला, 1 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों को जोड़ने वाली प्रसिद्ध जलोड़ी जोत के नीचे सुरंग का निर्माण जल्द हकीकत का रूप लेगा। एनएच-305 पर सैंज-लुहरी-ओट सड़क पर जलोड़ी जोत सुरंग को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय भूतल परिवहन व सड़क मंत्रालय से सुरंग के लिए मंजूरी मिलने के बाद लोक निर्माण विभाग ने पीएमजी यानी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के लिए 20 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। जल्द इस सुरंग के सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सर्वे के आधार पर तय होगा कि यहां पर कितनी लंबी सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इस सुरंग का निर्माण जहां सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, वहीं यह सुरंग पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि इस सुरंग के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एनएच और स्टेट हाईवे के किनारे सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। मंत्री ने माना कि लंबी दूरी की यात्रा के दौरान सड़कों के किनारे शौचालय की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों को भारी दिखतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को राज्य सरकार केंद्र सरकार और पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर दूर करेगी।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एनएचएआई से हर 50 किलोमीटर में सार्वजनिक शौचालय को पीपीपी मोड पर खोलने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलों का भी ऑडिट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग बरसात में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
शिमला-मटौर सड़क में 53 किलोमीटर क्षेत्र होगा फोरलेन
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि शिमला-मटौर सड़क के 53 किलोमीटर क्षेत्र को टू लेन से फोरलेन किया जाएगा। इसमें 17 किलोमीटर लंबा हमीरपुर बाईपास तथा 36 किलोमीटर लंबा चील बाग से बगवाल का हिस्सा शामिल है। इसके अलावा पठानकोट-चक्की तथा ब्रो से चौंतड़ा व चौंतड़ा से पद्दर के हिस्से को भी टू लेन से फोरलेन किया जाएगा।
मंडी, पालमपुर, सोलन को स्मार्ट सिटी बनाने की पैरवी
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट इस साल समाप्त हो रहा है। ऐसे में इसकी तर्ज पर राज्य के अन्य शहरों मंडी, पालमपुर, सोलन आदि के लिए भी प्रोजेक्ट मंजूर होने चाहिए। इसको लेकर वह जल्द ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से मिलेंगे। इसके अलावा विश्व बैंक से मंडी शहर को पानी की योजना से जोड़ने के प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। बैंक से मंजूरी मिलने के बाद इसे मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा।