Jal Jeevan Mission Scheme नूंह में पेयजल संकट करोड़ों खर्चने के बावजूद हर घर को नहीं पहुंचा पानी
विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 16 दिसंबर
Jal Jeevan Mission Scheme नूंह जिले में जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर को नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन स्थिति यह है कि आज भी जिले के कई गांव प्यासे हैं। पाइपलाइन अधूरी है, नल लगाए नहीं गए हैं और जहां सब कुछ है, वहां नलकों में पानी नहीं आ रहा।
Jal Jeevan Mission Scheme जहां कहीं बूस्टिंग स्टेशन तक पानी पहुंच रहा है, वहां से नलों के माध्यम से हर घर तक पानी पहुंचाना जन स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। कई ग्रामीणों ने शिकायत की है कि ठोस कार्रवाई के अभाव में पिछले ढाई साल से शुद्ध पानी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, विभागीय अधिकारियों का दावा है कि कागजों पर अधिकांश गांवों में पानी पहुंच चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि कागजों में उन्हें पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। कुछ गांवों में पानी के कनेक्शन अधूरे हैं और कई जगहों पर पाइपलाइन हवा में झूलती नजर आती है।
अवैध कनेक्शन भी एक कारण
मेवात में मुख्य लाइनों से अवैध कनेक्शन किए गए हैं, जिनके माध्यम से हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि रेनीवेल के पानी का उपयोग पशुओं के चारे की सिंचाई में भी किया जा रहा है। यह स्थिति न केवल पेयजल संकट को बढ़ा रही है, बल्कि पानी की बर्बादी को भी बढ़ावा दे रही है।
बोतलों में बिक रहा पानी
मेवात के अधिकतर हिस्सों में जमीन का पानी खारा होने के कारण लोग सरकारी जलापूर्ति पर निर्भर हैं। पानी की बढ़ती मांग के कारण यहां पानी को बोतलों में भरकर बेचा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पानी कोल्ड ड्रिंक के दामों पर बिकता है, और यह धंधा स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते फल-फूल रहा है।
जल्द समस्या को दूर करेंगे : एक्सईएन
जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन प्रदीप कुमार का कहना है कि जिले के हर गांव में पानी पहुंचाने का कार्य जारी है। जहां पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां की समस्याओं को जल्द दूर किया जाएगा। उनका दावा है कि जल जीवन मिशन योजना का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
विधानसभा में कई बार उठाया मुद्दा : आफताब
नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, “मैंने विधानसभा और अधिकारियों के सामने इस समस्या को कई बार उठाया है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। मेवात में पानी नहीं मिल रहा, लेकिन सरकारी धन पानी की तरह बहाया जा रहा है।”