जेल रेडियो से कैदियों के जीवन में आया क्रांतिकारी बदलाव
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 9 मार्च
कैदियों के जीवन में जेल रेडियो क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक साबित हुआ है। 74 प्रतिशत कैदियों के मानसिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों से निपटने में सहायता मिली है। इसके अलावा कैदियों द्वारा आक्रामकता और अनुशासनहीनता के मामलों में कमी आई। साथ ही कैदियों और जेल कर्मचारियों के बीच विवाद के मामले कम हुए हैं। कैदी जेल में सबसे ज्यादा भक्ति संगीत, इसके बाद रोमांटिक गीत, तीसरे नंबर पर देशभक्ति गीत सुनना पंसद कर रहे हैं। तिनका तिनका फाउंडेशन द्वारा हाल ही में जिला जेल करनाल में कराए गए एक सर्वे में ये बातें सामने आई हैं। इस सर्वेक्षण में जेल से 50 बंदियों (25 पुरुष और 25 महिलाएं) ने भाग लिया। सर्वे की समयावधि 1 जनवरी से 1 फरवरी 2024 तक थी।
52 प्रतिशत कैदियों का मानना है कि जेल रेडियो ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। 26 प्रतिशत कैदियों का मानना है कि 2021 में जेल रेडियो के लांच के बाद से कैदियों और जेल कर्मचारियों के बीच विवाद के मामले कम हुए हैं।
जेल रेडियो का असर साफ दिख रहा है। इससे जेल में कैदियों द्वारा आक्रामकता और अनुशासनहीनता के मामलों में कमी आई है। शैलाक्षी भारद्वाज की देखरेख में यह अनुसंधान किया गया है। 2021 में टीसीआर की स्थापना के समय, हरियाणा के जेल महानिदेशक के. सेल्वराज ने इस जेल से दो महिला कैदियों को शोधकर्ता के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी थी।
-अमित भादू, अधीक्षक, जिला जेल