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हिमाचल में काटे गए पेड़ों की लकड़ी राज्य से बाहर ले जाना होगा आसान

06:48 AM Jan 22, 2025 IST
फाइल फोटो

शिमला, 21 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में काटे गए पेड़ों को जिले व राज्य से बाहर ले जाने की समय अवधि को बढ़ाने की तैयारी में है। लोगों की मांग पर इसे 15 दिन और बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में पेड़ों की लकड़ी को बाहर ले जाने की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। राज्य में जंगलों व पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत राज्य में निजी व सरकारी भूमि पर 5 प्रजाति सफेदा, पाॅपलर, बांस, जापानी तूत व ल्यूसेनिया के पेड़ों को ही काटने की अनुमति है। इसके तहत घरेलू व कृषि उपयोग के लिए वर्ष में इन प्रजाति के 3 पेड़ों को काटने की अनुमति है।
खैर का कटान पहले की तरह 10 वर्ष की अवधि के बाद करने की व्यवस्था है। राज्य से बाहर बेचने के लिए भी लोग पेड़ों को काटते हैं। इसमें फ्यूल वुड व इमारती लकड़ी शामिल है। बिक्री के लिए अन्य प्रजातियों की तरह इन प्रजातियों के पेड़ों की कटाई की अनुमति चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट व कंजर्वेटर ऑफॉरेस्ट द्वारा दी जाएगी, बशर्तें 10 वर्ष के कटाई कार्यक्रम के तहत पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया 31 जनवरी, 2025 तक पूरी होगी, लेकिन 31 जनवरी तक बिक्री की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
इसके बाद सरकार ने इस अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब मार्किंग व बाहर भेजने की अवधि को 15 दिन यानी 15 फरवरी तक बढ़ाने की तैयारी है। इसको लेकर वन विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही राज्य सरकार को भेजा जाएगा। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में होगा। जानकारी है कि 24 जनवरी को धर्मशाला में हो रही बैठक में इस पर मुहर लग सकती है।
इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में कशमल को भी प्रतिबंधित सूची से बाहर किया जा सकता है। इसे 10 वर्ष की अवधि के बाद कटान की अवधि के तहत 15 फरवरी तक काटने तथा बाहर भेजने की अनुमति मिल सकती है। इसको लेकर भी सरकार प्रस्ताव मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में लाने जा रही है।

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