गलत समझा गया.... L&T चेयरमैन के 90 घंटे वाले बयान पर आई HR Head सोनिका की टिप्पणी
नई दिल्ली, 14 जनवरी (ट्रिन्यू)
90-hour Workweek: लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के 90 घंटे के कार्य सप्ताह पर दिए गए बयान के बाद छिड़े विवाद पर कंपनी की हेड, एचआर, सोनिका मुरलीधरन ने उनका बचाव किया है। उन्होंने अपने लिंक्डइन पोस्ट के जरिए स्पष्ट किया कि चेयरमैन के बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है और यह कंपनी की नीति को प्रतिबिंबित नहीं करता।
सोनिका मुरलीधरन का बयान
सोनिका ने अपने पोस्ट में कहा, “चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम का बयान एक आंतरिक चर्चा के दौरान दिया गया था और इसे कंपनी के किसी आधिकारिक निर्देश के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कभी भी 90 घंटे का कार्य सप्ताह लागू करने की बात नहीं की।”
उन्होंने यह भी लिखा कि चेयरमैन एक ऐसे प्रमुख हैं जो अपनी टीम के कल्याण के लिए समर्पित रहते हैं। उनके नेतृत्व में काम करना एक जीवन बदलने वाला अनुभव है, जो नेतृत्व के गुणों को सिखाने वाली मास्टरक्लास जैसा है।
विवाद की शुरुआत
विवाद तब शुरू हुआ जब एक आंतरिक चर्चा के दौरान सुब्रमण्यम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे कर्मचारियों को रविवार को काम करने के लिए नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि यदि कर्मचारियों को दुनिया में शीर्ष पर पहुंचना है, तो उन्हें 90 घंटे प्रति सप्ताह काम करना होगा।
कंपनी का स्पष्टीकरण
विवाद बढ़ने के बाद, एलएंडटी के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि चेयरमैन के बयान का उद्देश्य कंपनी की प्रगति के लिए उनके दृष्टिकोण को प्रदर्शित करना था। यह किसी भी प्रकार की अनिवार्यता या नीति का संकेत नहीं है।
पहले भी उठे हैं ऐसे बयान
यह विवाद उस समय और अधिक गर्म हो गया जब हाल ही में इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी भारतीयों को 70 घंटे प्रति सप्ताह काम करने का सुझाव दिया था। उनके इस बयान पर भी काफी आलोचना हुई थी।
सकारात्मक नेतृत्व पर जोर
सोनिका मुरलीधरन ने अपनी पोस्ट में लिखा, “नेताओं का काम है सकारात्मक बदलाव लाना और टीमों को प्रेरित करना। हमें विवादों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ऐसे नेताओं के प्रयासों को पहचानना चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए।”