युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना सबसे जरूरी
नरवाना, 17 नवंबर (निस)
युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना सबसे जरूरी है और यह विवेकशील नागरिकों का अहम कर्तव्य है।
यह बात रविवार को यहां आर्य समाज में साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम के दौरान आर्य समाज प्रधान चंद्रकांत आर्य ने कही ।
इस अवसर पर वेदपाल आर्य,संजीव, शास्त्री तथा अन्य आर्यगण की मौजूदगी में पर्यावरण शुद्धि एवं समृद्धि के लिए यज्ञ हवन भी किया गया। आर्य समाज प्रधान चंद्रकांत आर्य ने कहा कि युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना कृतज्ञ, प्रबुद्ध एवं विवेकशील नागरिकों का अहम कर्तव्य है। आर्य समाज प्रधान चंद्रकांत आर्य ने बताया कि आचार्य चाणक्य के अनुसार जिसके पास तप, ज्ञान, बल, बुद्धि, विद्या, विनम्रता, शील एवं धर्म साधना है, वही मनुष्य पृथ्वी पर सुख और आनंद भोक्ता है। विद्या दधाति विनम्रता,या विद्या सा विमुक्त, मनुर्भव: की उक्तियों के अनुसार विद्या से विनम्रता , जितेन्द्रियता, राज्य, धन, अर्थ, धर्म, काम,मोक्ष और विवेक, तर्क, बुद्धि, ज्ञान और विज्ञान से संपूर्ण मानवता का कल्याण होता है। भारतीय जीवन शैली में पर्यावरण की पवित्रता बनाए रखने में सभी जीव जंतुओं का जैविक तंत्र में प्राकृतिक अधिकार एवं कर्तव्य है। मानवीय गतिविधियों ने जैविक तंत्र की पवित्रता को प्रदूषित कर दिया है। परिणाम स्वरूप भारतीय उपमहाद्वीप में जल,वायु, भूमि तीनों भयंकर प्रदूषण स्थिति में पहुंच गए हैं। लगभग एक तिहाई आबादी प्रदूषण के कारण रुग्ण मानसिकता और शारीरिक अवस्था में पहुंच गई है। यह प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग ही मानव संसाधन की बर्बादी का परिणाम होगा।