ISSP Foundation Day : पुरानी पीठ दर्द से राहत के लिए जागरूकता की पहल, योग से लेकर पोषण तक हर पहलू पर हुई चर्चा
चंडीगढ़, 10 जुलाई।
ISSP Foundation Day : पुरानी पीठ दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की दिशा में एक अहम पहल करते हुए Indian Society for the Study of Pain (ISSP) की चंडीगढ़ शाखा और पीजीआईएमईआर के एनेस्थीसिया एवं गहन चिकित्सा विभाग ने संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम ISSP के स्थापना दिवस के अवसर पर पीजीआई परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष प्रो. काजल जैन ने किया।
उन्होंने बताया कि पुरानी पीठ दर्द न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करती है। इसका समाधान सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि समग्र और जागरूक जीवनशैली से संभव है। मुख्य अतिथि प्रो. वाई.के. बत्रा जो ISSP Chandigarh के पूर्व अध्यक्ष भी हैं ने संस्था की 1984 से अब तक की यात्रा पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि किस तरह ISSP ने दर्द प्रबंधन, क्लीनिकल प्रशिक्षण और जन-जागरूकता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। संस्था की सचिव प्रो. नीरजा भारती ने चंडीगढ़ ब्रांच के प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें क्षेत्रीय स्तर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और जनहित कार्यक्रमों की अहम भूमिका रही है।
कार्यक्रम में PGIMER के CCRYN Yoga Centre के प्रभारी प्रो. अक्षय आनंद ने chronic pain management में योग की भूमिका पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नियमित योगाभ्यास न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर बनाता है। इसके बाद आयोजित मल्टी-डिसिप्लिनरी पैनल डिस्कशन में दर्द विशेषज्ञों, सर्जनों, फिजियोथेरेपिस्टों, न्यूट्रिशनिस्टों और तनाव प्रबंधन विशेषज्ञों ने पीठ दर्द के व्यापक और दीर्घकालिक समाधान पर चर्चा की।
सभी ने बचपन से ही सही मुद्रा, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक संतुलन को पीठ दर्द से बचाव की कुंजी बताया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा लाइव डेमो के जरिए सही बैठने, खड़े होने और योग-आसनों की तकनीकें दिखाई गईं। प्रतिभागियों ने इन्हें सीखने में गहरी रुचि दिखाई और विशेषज्ञों से सीधे सवाल-जवाब किए।