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Israel-Iran War: ईरानी विदेश मंत्री और यूरोपीय अधिकारियों के बीच कूटनीतिक वार्ता विफल 

02:59 PM Jun 21, 2025 IST
फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री जीन-नोएल बैरोट, ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी, जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि, काजा कालास, स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संघीय गणराज्य जर्मनी के मानद वाणिज्यदूत के कार्यालयों में एक बाहरी छत की मेज पर मिलते हुए। रॉयटर्स

तेल अवीव, 21 जून (एपी)

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Israel-Iran War: इस्राइल और ईरान के बीच तनाव कम करने के उद्देश्य से घंटों चली कूटनीतिक वार्ता विफल हो गई। यूरोपीय मंत्रियों और ईरान के शीर्ष राजनयिकों के बीच शुक्रवार को जेनेवा में चार घंटे तक बैठक हुई। ठीक इसी समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध में अमेरिकी सेना के हस्तक्षेप पर विचार कर रहे थे और परमाणु रिएक्टरों पर संभावित हमलों को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं।

यूरोपीय अधिकारियों ने भविष्य में वार्ता की आशा व्यक्त की जबकि ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि वह आगे भी वार्ता के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्राइल की ओर से लगातार हमले किए जाने के कारण ईरान को अमेरिका के साथ वार्ता करने में कोई रुचि नहीं है।

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उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यदि हमले बंद हो जाएं और हमलावर को उसके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए तो ईरान कूटनीतिक कदमों पर विचार करने के लिए तैयार है।” वार्ता के लिए कोई अगली तारीख तय नहीं की गई है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जब तक उनका देश चाहेगा तब तक ईरान में इस्राइल का सैन्य अभियान चलेगा, जिसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइलों को खत्म करना है।

इस्राइल के एक शीर्ष जनरल ने भी इसी तरह की चेतावनी देते हुए कहा कि इस्राइली सेना लंबे अभियान के लिए तैयार है। हालांकि नेतान्याहू अमेरिका की मदद के बिना यह लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। माना जा रहा है कि ईरान की फोरदो यूरेनियम संवर्धन सुविधा बंकरों को तबाह करने वाले अमेरिका के बमों से अभी बची हुई है।

ट्रंप ने कहा है कि वह ईरान के खिलाफ इस्राइल के अभियान में अमेरिका के शामिल होने को लेकर दो सप्ताह में फैसला लेंगे। इस्राइल ने 13 जून को ईरान परमाणु और सैन्य ठिकानों, शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर हमले किए थे, जिसके जवाब में ईरान की ओर से हवाई हमले किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया था।

वाशिंगटन में स्थित ईरानी मानवाधिकार समूह के अनुसार, ईरान में 263 आम नागरिकों समेत कम से कम 657 लोग मारे गए हैं और 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस्राइली सेना के अनुमान के अनुसार, ईरान ने इस्राइल पर 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागकर जवाबी कार्रवाई की है।

सेना के अनुसार, अधिकांश मिसाइलों और ड्रोन को इस्राइल की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने मार गिराया है, हालांकि इन हमलों में इस्राइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। इस्राइल ने कहा कि कुद्स फोर्स के लिए फलस्तीन कोर के कमांडर सईद इज़ादी की कोम शहर के एक अपार्टमेंट में हत्या कर दी गई है। कुद्स फोर्स रिवॉल्यूशनरी गार्ड की एक विशिष्ट शाखा है जो ईरान के बाहर सैन्य व खुफिया अभियान चलाती है।

अमेरिका अगर इस्राइल के साथ युद्ध में शामिल होता है तो यह 'सभी के लिए बेहद खतरनाक' होगा: ईरान के विदेश मंत्री

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि अगर अमेरिका इस्राइल के साथ युद्ध में सक्रिय रूप से शामिल होता है तो यह ‘‘सभी के लिए बेहद खतरनाक'' होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी सैन्य भागीदारी पर विचार कर रहे हैं।

अराघची ने इसी संदर्भ में कहा कि ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।'' अराघची ने यह बात जिनेवा से वार्ता के बाद लौटते समय इस्तांबुल में पत्रकारों से बातचीत में कही। हालांकि इस बातचीत में कोई कूटनीतिक सफलता हासिल नहीं हो सकी।

वार्ता समाप्त होने पर अराघची ने कहा कि वह आगे की बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्राइल की ओर से हमले जारी रहने के बीच तेहरान को अमेरिका के साथ बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

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