इस्राइल-हमास में संघर्ष विराम की कोशिश विफल, ब्लिंकन लौटे
यरूशलम, 21 अगस्त (एजेंसी)
गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की पश्चिम एशिया की नौवीं यात्रा समाप्त हो गई,
लेकिन इस दौरान इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष-विराम समझौता नहीं हो सका।
हमास और इस्राइल द्वारा चुनौतियां बरकरार रहने के संकेत दिए जाने के बीच ब्लिंकन ने कहा कि समझौते को इसी समय करना बहुत महत्वपूर्ण है। ब्लिंकन ने सहयोगी मध्यस्थ देशों मिस्र और कतर में बैठकों के बाद कहा कि चूंकि, इस्राइल ने हमास के साथ मतभेदों को पाटने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, इसलिए अब हमास को साथ लाने के लिए हर संभव प्रयास करने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है कि दोनों पक्ष समझौते के कार्यान्वयन संबंधी मुख्य बिंदुओं पर सहमत हों। उन्होंने कतर से जाने से पहले पहले संवाददाताओं से कहा, ‘हमें संघर्ष-विराम और बंधकों की रिहाई संबंधी समझौते को अंतिम रूप देने की आवश्यकता है।’ मिस्र में बैठकें करने से पहले ब्लिंकन ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की। इजराइल पर सात अक्तूबर को हमास के चरमपंथियों के हमलों में लगभग 1,200 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर आम नागरिक शामिल थे और लगभग 250 लोगों को अगवा कर लिया गया था। नवंबर में एक हफ्ते के संघर्ष-विराम के दौरान 100 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया गया था। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के जवाबी हमलों ने 40,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। गाजा के 23 लाख से अधिक निवासियों में से अधिकतर विस्थापित हो चुके हैं और वहां भारी मानवीय तबाही मची है।
बहुत जरूरी है समझाैता
ईरान और लेबनान में हमास और हिजबुल्ला के दो शीर्ष कमांडर की हाल में निशाना बनाकर हत्या किए जाने से समझौते की आवश्यकता और बढ़ गई है। दोनों कमांडर की हत्या के पीछे इस्राइल का हाथ बताया जा रहा है। दूसरी ओर, ईरान और हिजबुल्ला ने दोनों कमांडर की मौत का बदला लेने का संकल्प लिया है, जिससे पश्चिम एशिया में जारी तनाव के पूर्ण युद्ध में तब्दील होने की आशंका बढ़ गई है।