Israel and Hamas War: युद्ध ने छीने महिलाओं के अधिकार, गाजा पट्टी में इस स्थिति में रहने को मजबूर
दीर अल-बला (गाजा सिटी), 30 दिसंबर (एपी)
इस्राइल और हमास (Israel and Hamas) के बीच जारी युद्ध के कारण लाखों महिलाओं को शिविरों (Camps) में शरण लेनी पड़ी है, लेकिन इन शिविरों में उनका जीवन किसी नरक से कम नहीं है। यहां महिलाएं खुले में बहते मलमूत्र (Sewage) और बीमारियों के खतरों के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं।
मासिक धर्म के दौरान मुश्किलें
महिलाओं को मासिक धर्म (Menstruation) से निपटने के लिए पर्याप्त उत्पाद (Products) नहीं मिल पा रहे हैं। वे चादरों और पुराने कपड़ों को पैड (Pads) की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। शिविरों में कपड़े बदलने या व्यक्तिगत निजता (Privacy) के लिए भी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।
सामाजिक दबाव और असुरक्षा
गाजा का समाज रूढ़िवादी (Conservative) होने के कारण, महिलाएं गैर-पारिवारिक पुरुषों (Non-Family Men) की उपस्थिति में हमेशा हिजाब (Hijab) पहनती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य (Health) से जुड़े विषय, जैसे गर्भावस्था (Pregnancy) और मासिक धर्म, पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जाती।
महिलाओं की हालत और समस्याएं
1. शिविरों में भीड़भाड़: महिलाओं को अपने परिवार और अजनबियों के बीच बिना निजता के रहना पड़ रहा है।
2. स्वच्छता और भोजन की कमी: शिविरों में स्वच्छ पानी (Clean Water), भोजन (Food), और शौचालय (Toilets) तक की सुविधा नहीं है।
3. स्वास्थ्य समस्याएं: बार-बार कपड़ों का इस्तेमाल और गंदगी के कारण त्वचा (Skin) और प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive Health) से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं।
4. मनोवैज्ञानिक तनाव: विस्थापन और असुरक्षा ने महिलाओं की मानसिक स्थिति (Mental Health) को बुरी तरह प्रभावित किया है।
संयुक्त राष्ट्र और अधिकार समूहों की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कहा है कि गाजा में 6,90,000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों (Hygiene Products), स्वच्छ जल, और शौचालय की आवश्यकता है। गाजा में सक्रिय संगठन अनेरा (Anera) का कहना है कि महिलाएं अपने मासिक धर्म को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) का इस्तेमाल कर रही हैं।
क्या बोलीं महिलाएं
अला हमामी (Ala Hammami): "पहले हमारे पास छत थी, लेकिन अब कुछ भी नहीं है। महिलाओं की गरिमा (Dignity) खत्म हो चुकी है।"
डोआ हेलिस (Doaa Helis): "हमने पुराने कपड़ों को फाड़कर पैड बनाए हैं। पैड का एक पैकेट 45 शेकेल (12 अमेरिकी डॉलर) का है, जो हमारे लिए असंभव है।"
वफा नसरल्लाह (Wafa Nasrallah): "महिलाओं की बुनियादी जरूरतें (Basic Needs) भी पूरी नहीं हो पा रहीं।"
मानवीय संकट का असर
गाजा में 14 महीने से जारी हमलों ने 23 लाख फलस्तीनियों (Palestinians) में से 90% को बेघर (Homeless) कर दिया है। महिलाओं की समस्याएं न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर भी गहरा असर डाल रही हैं। गाजा में महिला मामलों के केंद्र (Women’s Affairs Center) की निदेशक अमल सेयम (Amal Siyam) ने कहा, "युद्ध की सबसे बड़ी कीमत महिलाओं को चुकानी पड़ती है।"