आईएसबीटी शिमला की बत्ती गुल होने से बची
शिमला, 21 नवंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उन आदेशों के अमल पर रोक लगा दी है जिसके तहत नगर निगम शिमला ने आईएसबीटी टूटीकंडी का बिजली कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने मैसर्ज सीके इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए। नगर निगम शिमला ने प्रॉपर्टी टैक्स की अदायगी न करने पर आईएसबीटी प्रबंधन को इस बारे में अंतिम नोटिस जारी किया था।
मामले के अनुसार आईएसबीटी से नगर निगम को प्राॅपर्टी टैक्स के रूप में 6.33 करोड़ रुपये वसूलने हैं। लेकिन प्रबंधन ने कई बार नोटिस जारी होने के बावजूद यह टैक्स नहीं भरा है। मैसर्ज सीके इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का कहना है कि उसका बस अड्डा प्रबंधन के साथ करार हुआ है और जो भी संपति कर की अदायगी करनी है वह बस अड्डा प्रबंधन ने करनी है, क्योंकि वह इस संपति की असल मालिक है। कानूनन संपति कर की अदायगी मालिक द्वारा की जाती है।
कोर्ट ने प्रार्थी कंपनी की ओर से दी गई दलीलों से प्रथम दृष्टया सहमति जताते हुए नगर निगम शिमला के आदेशों पर रोक लगा दी।
नकली दवाइयों पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेंगे ड्रग कंट्रोलर
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्टेट ड्रग कंट्रोलर को आदेश दिए हैं कि वह थेमिस मेडिकेयर लिमिटेड की नकली और घटिया दवाइयों को लेकर दी शिकायत पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय ले। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने थेमिस मेडिकेयर लिमिटेड की याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए। मामले के अनुसार 15 मार्च 2024 की शिकायत में कहा गया है कि बद्दी में विभिन्न फार्मा कंपनियों द्वारा दवा फेराक्रिलम एपीआई और एक प्रतिशत फेराक्रिलम जेल, जो कि होमियोस्टेटिक पॉलीमर हैं का निर्माण किया जा रहा है। शिकायत के अनुसार ये दवाएं निर्धारित फार्मूले/संरचना के अनुसार नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि किसी भी दवा को लॉन्च करने से पहले, प्रयोगशाला में उसका परीक्षण किया जाता है, जिसमें मानक की जाँच के अलावा, दवा की संरचना की भी जांच की जाती है। कोर्ट ने शिकायत में निहित आरोपों को देखते हुए ड्रग कंट्रोलर को दो सप्ताह की अवधि के भीतर शिकायत पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए।