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सिंचाई विभाग ने तैयार किया 500 करोड़ का एक्शन प्लान

09:54 AM Oct 19, 2023 IST

चंडीगढ़, 18 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
प्रदेश में पानी के संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने अब ट्रीटेट वाटर (उपचारित अपशिष्ट जल) के उपयोग की नीति तय की है। इसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा बनाई गई पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। साथ ही, विभाग ने 500 करोड़ रुपये की विशेष कार्ययोजना तैयार की है। इसके अलावा मार्च-2025 तक राज्य में 975.12 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग का लक्ष्य रखा है।
संशोधित नीति के तहत सीवरेज के पानी को शुद्ध करके इसकी एक-एक बूंद का उपयोग थर्मल प्लांट, उद्योग, निर्माण, बागवानी और सिंचाई उद्देश्यों आदि में विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सिंचाई एवं जल संरक्षण विभाग ने 500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की परियोजना तैयार की है। पहले चरण में 339.50 एमएलडी की क्षमता वाले 27 एसटीपी को कवर करने का प्रस्ताव है। लाडवा में लगे 7 एमएलडी के एसटीपी प्लांट, पिहोवा के 8 एमएलडी और शाहबाद में 11.50 एमलडी के प्लांट में सीवर के शोधित पानी का सिंचाई व कृषि उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा रहा है।
ट्रीटेड वेस्ट वाटर के प्रभावी उपयोग के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, शहरी स्थानीय निकाय, सिंचाई एवं जल संसाधन और एचएसआईआईडीसी द्वारा बनाई गई संपतियों को पूल करने के लिए एक संयुक्त रणनीति विकसित की है। इन विभागों द्वारा 176 एसटीपी/सीईटीपी बनाए हैं, जो 2104.30 एमएलडी गंदे पानी का उपचार करने में सक्षम हैं। इनमें से 1429.38 एमएलडी उत्पन्न हो रहा है।
वर्तमान में 199.24 एमएलडी शोधित पानी का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा मार्च-2025 तक 975.12 (उत्पन्न ट्रीटेड वेस्ट वाटर का 56.69 प्रतिशत) एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल और दिसंबर 2028 तक 1100.84 एमएलडी का उपयोग करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है। दिसंबर-2028 तक शोधित जल का शत-प्रतिशत उपयोग सिंचाई व अन्य कार्यों के लिए करने का लक्ष्य है।

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30 बड़े गांवों में सुधरेगी आपूर्ति

महाग्राम योजना के अंतर्गत 30 बड़े गांवों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तक पेयजल आपूर्ति के लिए पेयजल स्रोतों में बढ़ोतरी तथा इतने ही गांवों में मल निकासी सीवरेज सुविधाएं भी प्रदान करने के लिए कार्य प्रारंभ किए हैं। गांव सौतई (जिला फरीदाबाद) नहारपुर (जिला गुरूग्राम), सरस्वती नगर (जिला यमुनानगर), क्योड़क, पाई (कैथल), सिवाह (पानीपत), काछवा (करनाल) व खानपुर कलां (सोनीपत) में महाग्राम योजना की परियोजना चालू कर दी है।

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