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संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल में अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू

08:19 AM Oct 27, 2023 IST
संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल में अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू
कैथल स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय में शोध पत्र प्रस्तुत करते विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए प्रतिभागी। -हप्र
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कैथल (हप्र)

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महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के डॉ. भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय परिसर में महर्षि वाल्मीकि जीवन दर्शन व योगवासिष्ठ के परिप्रेक्ष्य में विषय पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज शुभरांभ किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. ओमनाथ बिमली व नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोण् माधव ने शिरकत की व सारस्वत अतिथि के रूप में लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चन्द्र भारद्वाज ने की। इस अवसर पर संगोष्ठी की स्मारिका का भी विमोचन किया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भारद्वाज ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि शोध पीठ का मुख्य उद्देश्य वाल्मीकि द्वारा रचे गए ग्रन्थों पर आधारित शोधकार्यों को बढ़ावा देना है। शोधपीठ के माध्यम से विश्व भर से योगवासिष्ठ की पाण्डुलिपियों का संकलन कर समालोचनात्मक संस्करण तैयार किया जाएगा। वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण एवं योगवासिष्ठ में जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धान्त छिपे हुए हैं, जो वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं। संगोष्ठी में देश विदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रतिष्ठित विद्वान एवं शोधार्थियों के द्वारा शोधपत्र प्रस्तुत किए गए । इस अवसर पर परमार्थ शंकराश्रम कैथल से महामण्डलेश्वर स्वामी विरागानन्द गिरी, श्री लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रीय विश्वविद्यालय से प्रो. शिवशंकर मिश्र, प्रो. जवाहर लाल, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. रघुनाथ नेपाल और डॉ. शिव प्रसाद न्योपोर्ने भी उपस्थित रहे।

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