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भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा शुरू

08:41 AM Oct 25, 2023 IST
कुल्लू में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के पहले दिन रथयात्रा के दौरान भगवान रघुनाथ की पालकी उठाये पुजारी। (दाएं) इस मौके पर उमड़ा श्रद्धालुओ का सैलाब।-प्रेट्र

कुल्लू (मंडी), 24 अक्तूबर ( निस)
भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ ही आज कुल्लू का सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा शुरू हो गया।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कुल्लू के रथ मैदान में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे का शुभारंभ किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उपस्थित थीं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, सांसद प्रतिभा सिंह, विधायक रवि ठाकुर, भुवनेश्वर गौड़, सुरेंद्र शौरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा तथा जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। ढालपुर रथ मैदान के ठीक सामने पहाड़ी पर स्थित भेखली गांव में देवी जगन्नाथी भुवनेश्वरी लाव लश्कर के साथ निकली और ठीक शाम 5.15 बजे पहाड़ी पर कारकूनों ने ध्वर फहराया। ध्वज का यह इशारा पाते ही रथ मैदान में अधिष्ठाता रघुनाथ का भव्य रथ आगे बढ़ा। इस दौरान करीब एक लाख से अधिक कारकूनों ने जय श्रीराम के उदघोष के साथ रथ को खींचा और जन सैलाब ने भी श्री राम के जयकारे लगाए। रघुनाथपुर से लेकर ढालपुर तक भी लोगों ने रघुनाथ जी के ऊपर पुष्प वर्षा की। इस मौके पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल सहित अन्य गणमान्य लोगों ने भी रथयात्रा को निहारा। रथयात्रा शुरू होने से पूर्व राज परिवार ने रथ की परिक्रमा की। परिक्रमा के उपरांत देवी का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू हुई। पूईद गांव में भी देवी का रथ निकला और देवलुओं ने रथयात्रा की इजाजत के लिए ध्वज फहराया। रथयात्रा कड़े सुरक्षा घेरे में हुई। रथयात्रा में पूरे प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग शामिल हुए। कुल्लू पहुंचे विदेशी कलाकारों ने भी रथयात्रा का आनंद उठाया।
रथयात्रा से पूर्व रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, कारदार दानवेंद्र सिंह, राज परिवार से हितेश्वर सिंह, आदित्य विक्रम सिंह सहित अन्य सदस्यों व देवलुओं ने रथ की परिक्रमा की। लोग रथ को रघुनाथ के अस्थाई शिविर तक लाए। उत्सव के अंतिम दिन 30 अक्तूबर को अस्थायी शिविर से रथ को कैटल मैदान ले जाएया जाएगा। लंका दहन के उपरांत रथ में सवार होकर रघुनाथ सिया और लखन सहित रथ मैदान वापस पहुंचेंगे और फिर रघुनाथपुर स्थित देवालय के लिए प्रस्थान करेंगे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शाम को लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में सांस्कृतिक संध्या का आगाज किया और प्रदर्शनी ग्राउंड में विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।

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