International Conference: पंजाब यूनिवर्सिटी में शुरू अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में नवाचारों पर मंथन
चंडीगढ़, 16 दिसंबर, ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
International Conference: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी बदलावों और उनके विविध उपयोगों पर चर्चा करने के लिए आज पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज हुआ। "कंप्यूटिंग एडवांसेस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग" (ICCAAIML-2024) शीर्षक से यह सम्मेलन पीयू के कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशंस विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
इस आयोजन का उद्देश्य कंप्यूटर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन में नए शोध और नवाचारों को प्रोत्साहित करना है। सम्मेलन में भारत और विदेशों के विद्वानों ने हिस्सा लिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास, इसके मानवीय और तकनीकी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया।
उद्घाटन सत्र की मुख्य झलकियां
सम्मेलन का उद्घाटन पीयू की डीन ऑफ यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन प्रो. रुमिना सेठी ने किया। रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल की निदेशक प्रो. योजना रावत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इस दौरान, विभाग के प्रो. सोनल चावला और डॉ. अनुज शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में "एसेंशियल्स ऑफ एआई एंड मशीन लर्निंग" नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक के लेखक डॉ. अनुज शर्मा हैं, जो पीयू के कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रमुख शिक्षकों में से एक हैं।
साहित्य और एआई के बीच संबंध
अपने उद्घाटन भाषण में प्रो. रुमिना सेठी ने साहित्य के उद्धरणों के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के महत्व को खूबसूरती से समझाया। उन्होंने इन तकनीकों के भविष्य और मानवीय पक्षों पर रोशनी डाली।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल की निदेशक प्रो. योजना रावत ने भी हिंदी साहित्य, खासकर 'ईदगाह' और 'काबुलीवाला' जैसे कालजयी कहानियों के संदर्भों का उल्लेख करते हुए एआई और मशीन लर्निंग की उपयोगिता को समझाया।
विशेषज्ञों के विचार
सम्मेलन के मुख्य वक्ता आईआईएसईआर मोहाली के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् डॉ. सत्यजीत जेना रहे। उन्होंने "ब्रेन और मशीन के बीच सेतु: एआई में न्यूरल नेटवर्क्स की विरासत" विषय पर अपने विचार साझा किए। डॉ. जेना ने एआई और मशीन लर्निंग की वर्तमान स्थिति, उनके तकनीकी पहलुओं और भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
स्वीडन की लुलेआ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की प्रो. एलिसा बार्नी स्मिथ ने "मानविकी अध्ययन को आगे बढ़ाने में एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग" विषय पर बात की। उन्होंने एआई और मानविकी के संयुक्त उपयोग और इसके सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित किया।
शोध पत्र प्रस्तुतियां
दोपहर के सत्र में, शोध पत्र प्रस्तुतियों के लिए कई समानांतर सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में शोधकर्ताओं ने एआई और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में अपने नवीनतम शोध कार्य प्रस्तुत किए। इन सत्रों की अध्यक्षता पीयू के कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशंस विभाग के प्रमुख शिक्षकों ने की।