भजनलाल के गढ़ में दिलचस्प चुनावी मुकाबला, आमने-सामने की टक्कर
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
आदमपुर, 29 सितंबर
पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत चौ़ भजनलाल और उनके परिवार की परंपरागत सीट रहे आदमपुर में इस बार चुनावी मुकाबला आर-पार का है। भजनलाल की तीसरी पीढ़ी के रूप में उनके पोते भव्य बिश्नोई दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार आदमपुर में जाट उम्मीदवार देने की बजाय पिछड़ा वर्ग के चंद्र प्रकाश को उम्मीदवार बनाकर सियासी समीकरण बदलने का काम किया है। आईएएस अधिकारी रहे चंद्र प्रकाश जांगड़ा समाज से आते हैं। कांग्रेस ने भव्य बिश्नोई के मुकाबले गैर-जाट चेहरा देकर यहां के चुनाव को रोचक बनाने का काम किया है। हालांकि इस इलाके में भजनलाल परिवार की पकड़ आज भी कायम है।
भजनलाल के इस गढ़ को भेद पाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस की यहां चली गई नॉन-जाट की चाल के चलते भव्य बिश्नोई तथा उनके पिता व पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिस सीट को काफी आसान माना जा रहा था, वह आज कड़े मुकाबले में फंसी नजर आ रही है। रोचक पहलू यह है कि भजनलाल के पारिवारिक दोस्तों में शामिल रहे पूर्व सांसद रामजी लाल के भतीजे से ही उनके पोते भव्य बिश्नोई को चुनौती मिल रही है। चंद्र प्रकाश, भूतपूर्व सांसद रामजी लाल के भतीजे हैं।
एक और रोचक तथ्य यह है कि विधानसभा की चुनावी राजनीति में आने से पहले भजनलाल ब्लाक समिति के चेयरमैन रहे। उस समय उन्हें एक वोट की जरूरत थी। यह वोट था रामजी लाल का। रामजी लाल के वोट के बाद ही भजनलाल ब्लाक समिति चेयरमैन बने। इसके बाद से दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। नब्बे सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में आदमपुर ऐसा अकेला हलका है, जहां पिछले करीब 56 वर्षों से एक ही परिवार का राजनीतिक वर्चस्व है।
भजनलाल ने पहली बार 1968 में यहां से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद इस सीट पर या तो वे खुद या फिर उनके परिवार के सदस्य विधायक बनते रहे। यह आदमपुर ही है, जहां से भजनलाल के अलावा उनकी पत्नी जसमा देवी, बेटा कुलदीप बिश्नोई, पुत्रवधू रेणुका बिश्नोई और अब पोता भव्य बिश्नोई भी विधायक बने हैं।