फूलों की दुनिया के रोचक पक्ष
गोविंद शर्मा
डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल बाल-साहित्य के लेखक कवि हैं। उनकी साहित्य रचना में सदा विविधता रही है। इस बार उन्होंने अपनी नव प्रकाशित पुस्तक ‘फूल हमारे कितने प्यारे’ में राष्ट्रीय फूलों की जानकारी कविताओं के माध्यम से दी है। राष्ट्रीय फूलों के बारे में ठोस और सच्ची जानकारी है। सरस कविताओं के माध्यम से सरल भाषा में जानकारी दी गई है। इन कविताओं से केवल देश और उस देश के राष्ट्रीय फूल की ही जानकारी नहीं दी गई है बल्कि फूल का लगभग संपूर्ण परिचय- जैसे रंग, गंध, किस मौसम का फूल है, यह सब बताया गया है। कुछ देशों के फूल हमारे आयुर्वेद की दृष्टि में औषधि का काम करते हैं। जैसे गुलदाउदी के फूल के बारे में बताया गया है :- सर्दी खांसी दूर हटाए/ और जुकाम भगाएं/ इसके निकट बुखार न आता/ काया स्वस्थ बनाए।
‘गुड़हल’ मलेशिया का राष्ट्रीय फूल है। यह गंधहीन होता है। इसकी दो सौ से ज्यादा प्रजातियां होती हैं। इसके लिए लिखा है :- एनीमिया, बुखार को रोके/ काले बाल बनाए/ करें नियंत्रित रक्तचाप को/ तन का वजन घटाए। ...इस तरह 44 राष्ट्रीय फूलों की विशेषताओं का वर्णन छोटी-छोटी कविताओं में है, किस मौसम में, किस महीने में, किस देश, क्षेत्र महाद्वीप उपमहाद्वीप में उत्पत्ति होती है। यह भी बताया गया है कि रंग, गंध और बनावट कैसी होती है। खुशी की बात यह है कि इनमें से कई किस्म के फूल हमारे देश में भी उत्पन्न होते हैं और भिन्न-भिन्न देश के राष्ट्रीय पुष्प बने हुए हैं। खुशबू रंग, आकार के साथ ही राष्ट्रीय फूलों के सांस्कृतिक महत्व की भी जानकारी दी है।
पुस्तक : फूल हमारे कितने प्यारे कवि : डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : ट्रांसवर्ल्ड पब्लिशर्स, नयी दिल्ली पृष्ठ : 96 मूल्य : रु. 495.