महिला उद्यमियों को पांच लाख तक ब्याजमुक्त ऋण
अनंतनाग, 11 सितंबर (एजेंसी)
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ‘पांच गारंटी’ की घोषणा की, जिनमें केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के सत्ता में आने पर महिला उद्यमियों के लिए पांच लाख रुपये का ब्याजमुक्त ऋण और प्रति परिवार 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा शामिल है।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में गठबंधन उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए खड़गे ने यह भी कहा कि कांग्रेस-नेकां सरकार परिवार की महिला मुखिया को हर महीने 3,000 रुपये देगी। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रति व्यक्ति 11 किलोग्राम अनाज देने का प्रावधान बहाल करने का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान प्रवासी कश्मीर पंडितों के पुनर्वास के संबंध में किए गए वादे को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी संविधान में निहित उनके अधिकार मिलेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और केसी वेणुगोपाल, सुबोध कांत सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में ‘पांच गारंटी’ का उल्लेख किया। खड़गे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक लाख पद रिक्त हैं, लेकिन भाजपा नीत केंद्र द्वारा नियुक्त मौजूदा प्रशासन उन्हें नहीं भर रहा है, क्योंकि ‘वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को गरीब रखना चाहते हैं।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘हम इन रिक्तियों को भरेंगे। हम पर्यटन और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करेंगे। पिछले कई वर्षों में 4,400 से अधिक सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं। हम उन्हें फिर से खोलेंगे क्योंकि हम शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’ खड़गे ने दोहराया कि पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने का प्रयास करेगी। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में द्वि-सदनीय विधायिका को बहाल करने का भी वादा किया।
‘जेल से रिहा’ लोग भाजपा के छद्म सहयोगी हैं : फारूक
श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को भाजपा और उन लोगों को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए जिन्हें चुनाव में भाग लेने के लिए जेलों से रिहा किया जा रहा है। फारूक ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन आसान नहीं था, लेकिन जम्मू-कश्मीर की पहचान बचाने के लिए यह जरूरी था।