Interdisciplinary Jobs इंटर डिसिप्लिनरी पेशेवर रहेंगे डिमांड में
कारोबार-उद्योग की जटिल समस्याओं का हल मिश्रित कैरियर्स में मिलेगा। जैसे क्लाइमेंट चेंज, हेल्थ केयर इनोवेशन आदि। मसलन, क्लाइमेट चेंज कंसल्टेंट्स को पर्यावरण विज्ञान, नीति निर्माण व तकनीक की समझ जरूरी होगी। फिनटेक कंपनियां वित्त और कोडिंग दोनों में माहिर नियुक्त करेंगी। कंपनियों को जरूरत होगी कई क्षेत्रों में दक्ष और उनके संयोजन में कुशल पेशेवरों की।
नरेंद्र कुमार
आगामी साल में कैरियर के क्षेत्र में जो महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे,उनमें एक इंटर डिसिप्लिनरी कैरियर ऑप्शन की तेजी से मांग होगी। मसलन डेटा+डिजाइन यह डेटा एनालिटिक्स और क्रिएटिव डिजाइन का एक ऐसा संगम होगा, जो आने वाले साल में संभावनाओं के कहीं ज्यादा लाभकारी दरवाजे खोलेगा। इसी तरह टैक्नोलॉजी+फाइनेंस यह फिनटेक (जैसे डिजिटल पैमेंट, क्रिप्टो) आदि में कैरियर के नये और मजबूत रास्ते खोलेगा। दुनिया में इंटर डिसिप्लिनरी ऑप्शन तेजी से बढ़ रहे हैं। दरअसल आधुनिक उद्योग और समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की जरूरत है। इंटर डिसिप्लिनरी कैरियर ऑप्शंस यही काम करने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि ये फ्यूजन कैरियर बिल्कुल नये क्षेत्रों की संरचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रभावशाली और नये समाधान निकालते दिख रहे हैं।
जटिल समस्याओं का समाधान
मौजूदा कारोबार और उद्योग की कई जटिल समस्याओं का हल इन बहुआयामी मिश्रित कैरियर्स में मिलेगा। क्लाइमेंट चेंज, हेल्थ केयर इनोवेशन और डेटा सिक्युरिटी ऐसी ही समस्याएं हैं जिन्हें हल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों का समावेश आवश्यक है। उदाहरण के लिए क्लाइमेट चेंज कंसल्टेंट्स को पर्यावरण विज्ञान, नीति निर्माण और टेक्नोलॉजी की समझ होगी तो वह बहुत आसानी से क्लाइमेट चेंज का हल निकाल पायेगा। अगर वह पारंपरिक किसी क्षेत्र विशेष में ही सीमित होगा, तो इस जटिल समस्या का हल वह बमुश्किल ही निकलेगा।
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन
नई टेक्नोलॉजी जैसे एआई, आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और बिग डाटा, ये विभिन्न पारंपरिक क्षेत्रों जैसे हेल्थ केयर और फाइनेंस में एक साथ उपयोग किए जाएंगे। इसलिए इस क्षेत्र में इंटर डिसिप्लिनरी स्किल्स की मांग जरूरी होगी। उदाहरण के लिए बायो इन्फोर्मेटिक्स विशेषज्ञ को बायोलॉजी और डाटा एनालिटिक्स का ज्ञान भविष्य में बहुत जरूरी होगा।
शोध क्षेत्र का होगा विस्तार
अभी तक हमारा काम शोध पर बिना ज्यादा कुछ निजी खर्च किए भी चलता रहा है, लेकिन अब नहीं चलेगा, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी। इसलिए आने वाले समय में भारत की प्रमुख यूनिवर्सिटीज और शोध संस्थान भी इंटर डिसिप्लिनरी कोर्स और रिसर्च पर जोर देंगे। आईआईटी, आईआईएससी और एनआईडी जैसे संस्थान डिजाइन, डेटा और टेक्नोलॉजी को जोड़कर नये कोर्स तैयार कर रहे हैं; क्योंकि भविष्य में ये कोर्स शिक्षा और शोध के विस्तार के लिए जरूरी होंगे।
कंपनियों को चाहिए नये प्रोफेशनल्स
भारतीय कारपोरेट का चेहरा व्यापक रूप से बदल रहा है। अब कंपनियों को ऐसे पेशेवरों की जरूरत होगी, जो न सिर्फ विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी रखते हों बल्कि बहुत उपयोगी तरीके से उनका आपस में संयोजन कर सकें। जैसे- फिनटेक कंपनियों को ऐसे प्रोफेशनल्स चाहिए होंगे, जो वित्त और कोडिंग दोनों क्षेत्रों में माहिर हों।
ये होंगे प्रमुख इंटर डिसिप्लिनरी कोर्स
डेटा+डिजाइन इंटर डिसिप्लिनरी दुनिया का प्रमुख कोर्स होगा, जिसमें भविष्य के लिए डेटा विजुअलाइजेशन एक्सपर्ट और यूएक्स डिजाइनर निकलेंगे। दरअसल कंपनियां डेटा-ड्रिवन निर्णय लेने के लिए विजुअल इंटरफेस और डेटा स्टोरी टैलेंट को महत्व देंगी।
टेक्नोलॉजी+हेल्थ केयर
हेल्थ केयर के क्षेत्र में ऐसे प्रोफेशनल्स की भविष्य में जरूरत होगी, जो एआई इंजीनियरिंग और बायोइंफॉर्मेटिक्स के विशेषज्ञ हों। क्योंकि व्यक्तिगत चिकित्सा और हेल्थ टेक्नोलॉजी में निवेश आने वाले दिनों में काफी ज्यादा बढ़ेगा और यह क्षेत्र कैरियर के लिहाज से ज्यादा और बेहतर नौकरियां देने वाला होगा।
कंप्यूटर साइंस+फाइनेंस
भविष्य में ऐसे क्रिप्टो करंसी विशेषज्ञ और ब्लॉक चेन डेवलपर की जरूरत पड़ेगी, जो कंप्यूटर साइंस और फाइनेंस दोनों में ही माहिर हों। क्योंकि डिजिटल बैंकिंग और ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी में इंटर डिसिप्लिनरी पेशेवरों की भारी मांग होने वाली है।
क्लाइमेट साइंस+पॉलिसी मेकिंग
भविष्य के पर्यावरण नीति विशेषज्ञ और सस्टेनेबलिटी एनालिस्ट, हरित ऊर्जा और क्लाइमेंट चेंज एडॉप्शन में नये और प्रासंगिक कैरियर की नींव रखेंगे, जिसके लिए क्लाइमेड साइंस के साथ पॉलिसी मेकिंग की भी समझ होनी जरूरी होगी।
एग्रीकल्चर+टेक्नोलॉजी
साल 2025 में बड़े पैमाने पर कृषि के क्षेत्र में ड्रोन फॉर्मिंग एक्सपर्ट और हाइड्रोपोनिक्स कंसल्टेंट्स की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि भविष्य की टिकाऊ और स्मार्ट खेती के लिए डिसिप्लिनरी क्षेत्र से ही एक्सपर्ट निकलेंगे। दरअसल इंटर डिसिप्लिनरी कैरियर से किसी भी कैरियर एस्पेरेंट को नवाचार के अवसरों की ओर बढ़ना होगा, तभी उन्हें उच्च वेतन और आसानी से नौकरी मिल सकेगी। साथ ही ये कैरियर विकल्प इंसान को रोबोटिक पेशेवरों के मुकाबले संवेदनशील, लचीली सोच वाले पेशेवर बनाएंगे।
इसके लिए कैसे करें तैयारी
सबसे पहले हाइब्रिड स्किल्स पर ध्यान दें। प्रोग्रामिंग, डेटा एनालिटिक्स और कम्युनिकेशन स्किल्स को सीखें। अगर डिजिटल हेल्थ सेक्टर में नौकरी मिलती है, तो इसमें हेल्थ क्षेत्र व डिजिटल कार्य दोनों की जानकारी जरूरी हैं। इसी तरह आईआईएससी में सस्टेनेबल एनर्जी जैसे कोर्स करने जरूरी होंगे। इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स में भागीदार बन उपयोगी प्रोफेशनल्स बनें। इसलिए जितना महत्व अपनी अकादमिक शिक्षा को दें, उतना ही इंटर्नशिप को भी दें। वहीं पेशेवरों से जुड़ें। कैरियर की सकारात्मक संभावनाओं के लिए नेटवर्क जरूरी है। -इ.रि.सें.