बौद्धिक संपदा अधिकार को विपणन योग्य वित्तीय परिसंपत्ति के तौर पर मिलेगी मान्यता
शिमला, 21 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में बौद्धिक संपदा अधिकार को विपणन योग्य वित्तीय परिसंपत्ति के तौर पर मान्यता मिलेगी। सुक्खू सरकार ने प्रदेश में बौद्धिक संपदा नीति को अधिसूचित किया है। बौद्धिक संपदा नीति 5 बिंदुओं पर फोकस कर रही है। नीति के तहत प्रदेश में बौद्धिक संपदा समन्वय प्रकोष्ठ का गठन होगा। प्रकोष्ठ में एक प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी के साथ-साथ एक वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी तथा दो- दो वैज्ञानिक अधिकारी व वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक होंगे। ये चारों वैज्ञानिक अधिकारी व सलाहकार राज्य पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संबंधित होंगे।
प्रकोष्ठ प्रदेश में बौद्धिक संपदा अधिकारों के शोध एवं विकास के अनुकूल वातावरण मुहैया करवाएगा।
निजी व सरकारी विश्व विद्यालयों के साथ-साथ अन्य संस्थानों में यह शोध होगा। प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक पहलुओं को लेकर भी प्रकोष्ठ जागरूकता का काम करेगा। बौद्धिक संपदा नीति का यह अहम पहलू है। बौद्धिक संपदा को विपणन योग्य वित्तीय परिसंपत्ति बनाने में प्रकोष्ठ नीति के तहत अहम भूमिका निभाएगा।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की तरफ से जारी इस नीति से हिमाचल के लोगों की बौद्धिक संपदा के संरक्षण के साथ-साथ इनके पेटेंट में मदद मिलेगी।