लीचेट से निपटने को लागू होगी एकीकृत कचरा प्रबंधन तकनीक
गुरुग्राम, 19 जुलाई (हप्र)
गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन और वायु प्रदूषण की चुनौतियों का समाधान करने के लिए दिल्ली विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कलस्टर की संस्था दिल्ली अनुसंधान कार्यान्वयन और नवाचार (ड्राइव) की टीम ने नगर निगम कार्यालय में निगमायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ के साथ बैठक की। बैठक के दौरान चर्चा की गई कि गुरुग्राम के सामने आने वाली पहली चुनौतियों में से एक लीचेट व ताजा कचरे का लगातार बढ़ता ढ़ेर है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए ड्राइव एकीकृत कचरा प्रबंधन तकनीक को लागू करने के लिए तैयार है। स्टार्ट्अप के नेतृत्व में अनूठी और पर्यावरण के अनुकूल फाइकोरेमेडिएशन विधि का उपयोग करके लीचेट के ट्रीटमेंट की सुविधा से सुसज्जित होगी। ये अत्याधुनिक तकनीक न केवल कचरे का अधिक कुशलता से प्रबंधन करेगी, बल्कि भूजल और पर्यावरण पर लीचेट के हानिकारक प्रभाव को भी कम करेगी। इसके अलावा, ड्राइव ने शहर में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केन्द्रित किया। इसके तहत सौर पैनलों द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का कार्यान्वयन इस रणनीति का एक प्रमुख घटक है। इस कदम का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर शहर की निर्भरता को कम करना है, जिससे सीधे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके और एक स्वच्छ और स्वस्थ शहरी वातावरण में योगदान दिया जा सके। बैठक के दौरान एकीकृत कचरा प्रबंधन प्रणाली तथा इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना पर विचार-विमर्श किया गया। इस पहल से गुरुग्राम में जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो सतत शहरी विकास के लिए एक मिशाल कायम करेगी। इस मौके पर ड्राइव की सीईओ एवं एमडी शिप्रा मिश्रा, नगर निगम गुरुग्राम के एटीपी सिद्धार्थ संकल्प उपस्थित थे।