माछीवाड़ा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश
समराला (निस)
बारिश के रूप में तीन दिन से आसमान से टपकती आपदा ने लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है। समराला, माछीवाड़ा व दोराहा के क्षेत्रों में फसलों व सामान की व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। लोगों के घरों में वर्षा का पानी घुस जाने के कारण के सामान को भारी क्षति पहुंची है। माछीवाड़ा के इलाके में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से उसके आसपास बसे गांवों को भारी खतरा पैदा हो गया है। डीसी लुध्याना के आदेशों पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए पुलिस जिला खन्ना की एसएसपी, एसपी, डीएसपी समराला वरियाम सिंह, कुलदीप सिंह बावा, एसडीएम समराला और एडीसी मौके पर पहुंचे। पता चला है कि बाढ़ की स्थिति की भयावहता को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कह दिया है क्योंकि इन इलाकों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने लोगों के लिए स्कूल खाली करवा लिए हैं। गुरुद्वारों में भी ठहरने और लंगर की व्यवस्था की गई है। डी एस पी समराला वरियाम सिंह खैहरा ने बताया कि बेला की तरफ से बाढ़ का पानी बड़ी तेजी से माछीवाड़ा इलाके के गांवों में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मार्ग बाढ़ के कारण अवरुद्ध हो चुके हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को भी ट्रैक्टर पर बैठ गांवों में जाना पड़ा। बहलोलपुर का ग्रिड पूरी तरह से जलमग्न होने से करीब चालीस गांव अंधेरे में डूब गए गए हैं। चमकौर साहिब के इलाके में सिसवां नदी में दरार आ जाने से दोराहा नहर उफान पर आ गई है जिस कारण से दोराहा के गांव राजगढ़ में पानी भर जाने का समाचार है। रेवेन्यू, पुलिस व सिंचाई विभाग ने हालांकि जेसीबी मशीनों की सहायता से बड़ी कुशलता से दरार को भरकर पानी का बहाव रोक दिया है।