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पीड़ितों को तुरंत अंतरिम मुआवजा देने के निर्देश

10:51 AM Sep 25, 2023 IST
नूंह में रविवार को जांच समिति के सदस्य दंगों में सबसे ज्यादा प्रभावित साइबर क्राइम थाने का निरीक्षण करते हुए। -हप्र

विवेक बंसल/हप्र
नूंह, 24 सितंबर
जिले में हुये साम्प्रदायिक दंगों के मामले में मानवाधिकार उल्लंघन पर तथ्य जांच समिति ने रविवार को मेवात का दौरा किया और जिला प्रशासन को तुरंत पीड़ितों को अंतरिम मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये।
पटना हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश नरसिम्हा रेड्डी की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय समिति ने रविवार को नूंह के नल्हड़ स्थित मंदिर, बड़कली चौक और पुन्हाना के सिंगार गांव का दौरा किया। सांप्रदायिक दंगों में यहां भीड़ ने भारी तोड़फोड़ तथा दंगे किये थे और इनमें छह लोगों की जान चली गई थी। समिति में हरियाणा पुलिस के सेवानिवृत आईपीएस और क्राइम ब्रांच से आईजी राजपाल सिंह, सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता और पूर्व मानव अधिकार आयोग की सदस्य चारु वाली खन्ना, अधिवक्ता ओमप्रकाश व्यास, वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक तथा अधिवक्ता भावना बजाज शामिल थी।

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दोनों समुदाय से की बातचीत

स्वतंत्र नागरिक संगठन के रूप में समिति के सदस्यों ने दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत की। सबसे पहले उन्होंने साइबर क्राइम थाने का दौरा किया। जहां भीड़ ने कई वाहनों को क्षति पहुंचाई और थाने को भी नुकसान पहुंचा था। अनाज मंडी के पीड़ित परिवारों से बात की। समिति के सदस्य नल्हड़ के शिव मंदिर गए। बाद में समिति बड़कली चौक गई वहां तेल मिल के साथ कई दुकानों को आग लगा दी गई थी। समिति के सदस्यों ने भादस, पुल्हाना और गांव सिंगार में मंदिर का दौरा किया।

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‘पुलिस सतर्क रहती तो टल सकता था हादसा’
नूंह विश्रामगृह में समिति के सदस्यों ने सामाजिक संगठनों के सदस्यों रमजान चौधरी, खलील अहमद, ताहिर हुसैन रुपड़िया, ताहिर हुसैन देवला, अख्तर हुसैन प्रेसिडेंट मेवाती विकास सभा, सिद्दीकी अहमद, वीर मोहम्मद, नसीम अहमद से बात की। यहां अधिवक्ताओं ने उन्हें स्पष्ट कहा कि सब कुछ पता होते हुए भी 31 जुलाई को पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त को छुट्टी पर भेज दिया गया। पुलिस सतर्क रहती तो हादसा टल सकता था। वे प्रशासन को अवगत करा रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। दोनों पक्षों की वायरल वीडियो पर ध्यान नहीं दिया गया, बल्कि बढ़ावा दिया गया और घटनाक्रम को होने दिया गया। हरियाणा हज कमेटी के प्रशासक एवं भाजपा नेता चौधरी जाकिर हुसैन ने भी समिति के सदस्यों से भेंट की और पूरे घटनाक्रम और पीड़ितों के बारे में जानकारी दी।

डीसी, एसपी से मुलाकात
समिति के सदस्यों ने नूंह के डीसी धीरेंद्र खड़घटा और एसपी नरेंद्र सिंह बिजरानियां से मुलाकात की और पूरे घटना पर उनसे भी विवरण मांगा। कुछ क्रॉस क्वेश्चन किए गए। डीसी एसपी की छुट्टी पर भी बात की गई।

दोषियों को दंडित करने की मांग

हिंदू पक्ष के लोगों ने भी समिति के सदस्यों से मुलाकात की और बताया कि उनकी दुकानें जली हैं और नुकसान हुआ है। हमें तुरंत मुआवजा दिलाया जाये। दोषियों को दंडित करने की मांग की। अनाज मंडी के व्यापारी गौरव गुप्ता ने समिति को साइबर क्राइम थाना और अनाज मंडी के बीच हुए दंगे की कहानी सुनाई और बताया कि मौके पर पुलिस बल मौजूद नहीं था। प्रशासन काफी ढीला रहा, जिस कारण से गुंडातत्वों को मनमर्जी करने का मौका मिला। उनकी जान बच गई यह बड़ी बात है।

घटनाक्रम की जानकारी लेना मकसद

पत्रकारों से बात करते समिति के सदस्यों ने कहा कि सभी पक्षों से बात की गई है। उनका मकसद था घटनाक्रम की जानकारी लेना। दंगा क्यों हुआ, कैसे हुआ और आगे कैसे नहीं हो इस पर ध्यान दिय गया। पीड़ितों से बात करने के बाद हम किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। जिन लोगों की जान गई और जिनकी दुकानें फूंक दी गई उन्हें अब तक कोई मुआवजा नहीं मिलने पर समिति ने कड़ा एतराज किया। समिति के सदस्यों ने बताया कि डीसी ने बताया है कि पोर्टल पर सरकार ने मुआवजे के बारे में अपनी बात कहने का आदेश दिया है। समिति ने कहा कि हमने यह बात नहीं मानी और कहा कि पोर्टल बकवास है। आप मुख्यमंत्री से बातकर लें और तत्काल पीड़ितों को अंतरिम मुआवजा दे दिया जाए। वे अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

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