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ट्रांसफर ऑर्डर को लेकर निर्देश, अधिकारी अब नहीं कर सकेंगे सीएमओ की अनदेखी

09:52 AM Jan 30, 2024 IST
ट्रांसफर ऑर्डर को लेकर निर्देश  अधिकारी अब नहीं कर सकेंगे सीएमओ की अनदेखी
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 जनवरी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीएमओ के आदेश के बाद भी ट्रांसफर आॅर्डर जारी नहीं होने पर कड़ा नोटिस लिया है। सभी विभागों के आला अफसरों को दो-टूक कहा गया है कि सीएमओ से जारी होने वाले ट्रांसफर नोट्स पर उन्हें दो दिन में फैसला लेना होगा। सीएमओ से नोट जाने के बाद अगर दो दिनों में किसी तरह की आपत्ति या सुझाव नहीं आया तो उसे फाइनल ऑर्डर माना जाएगा।
इसके बाद किसी तरह की अपील और दलील नहीं चलेगी। तीन दिनों के भीतर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के ट्रांसफर आॅर्डर जारी करने होंगे। इतना ही नहीं, आॅर्डर की कॉपी मुख्यमंत्री के ओएसडी को भी भेजनी होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस संदर्भ में सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभाग प्रमुखों, मंडल आयुक्तों तथा जिला उपायुक्तों को लिखित में हिदायतें जारी की हैं।
दो पेज के पत्र में मुख्य सचिव ने प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर गाइडलाइन जारी की है। बताते हैं कि कई मंत्रियों व विधायकों द्वारा इस बारे में कई बार मुख्यमंत्री को शिकायतें की गई थीं। अब चूंकि लोकसभा और फिर विधानसभा के चुनाव भी नजदीक हैं। ऐसे में अधिकारियों व कर्मचारियों की पोस्टिंग में सांसदों और विधायकों की की पसंद-नापंसद को भी देखा जाना स्वाभाविक है। भाजपा विधायक दल की बैठकों में भी कई बार अधिकारियों द्वारा सीएमओ से ऑर्डर जारी होने के बाद भी ट्रांसफर आॅर्डर जारी नहीं होने का मामला उठता रहा है। व्यक्तिगत मुलाकात में मंत्रियों, सांसदों व विधायकों द्वारा सीएम के सामने अधिकारियों की मनमानी की शिकायत होती रही है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं द्वारा भी इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से बात की जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि बार-बार आ रही शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया है।
दो दिन में करना होगा फैसला
अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि सीएमओ से ट्रांसफर नोट्स मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों को उस पर दो दिन में निर्णय लेना होगा। अगर ट्रांसफर को लेकर उनकी कोई आपत्ति है, प्रशासनिक ग्राउंड या तकनीकी मामला है तो उसके लिए लिखित में सूचित करना होगा। दो दिन में अगर किसी तरह की आपत्ति नहीं आती तो तीन दिन के भीतर ट्रांसफर आॅर्डर जारी करने होंगे। ऐसा नहीं करने पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, दो दिन के बाद किसी भी तरह की आपत्ति को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
दफ्तरों में चलता है ‘खेल’
ट्रांसफर के मामले में ‘खेल’ होने की शिकायतें भी सरकार तक पहुंची हैं। दरअसल, सीएमओ से नोट जारी होने के बाद प्रशासनिक सचिव भी उसे डाउन कर देते हैं। विभाग मुखिया के दफ्तर में कई बार ‘बाबू लोग’ ऐसे ट्रांसफर नोट्स को ‘दबा’ देते हैं। इसमें ‘सैटिंग’ होने के आरोप भी लगते रहे हैं। संबंधित अधिकारी-कर्मचारी अगर खुद ट्रांसफर नोट्स को फॉलो करते हैं और संबंधित डीलिंग हैंड के साथ ‘सैटिंग’ हो जाती है तो उनके आॅर्डर आसानी से जारी हो जाते हैं।

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ग्रुप-डी के 13 हजार पदों पर मिलेगी नौकरियां

हरियाणा में ग्रुप-डी यानी चतुर्थ श्रेणी के विभिन्न पदों के लिए आवेदन कर चुके युवाओं के लिए अच्छी खबर है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जल्द ही चयन प्रक्रिया शुरू करेगा। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने ग्रुप-डी की भर्ती को लेकर सभी विभागों व बोर्ड-निगमों के अधिकारियों को खाली पदों का ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं। उन्हें तीन दिन में खाली पदों की डिटेल पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है। खाली पदों का ब्यौरा आने के बाद उसे हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास भेजा जाएगा। यहां बता दें कि आयोग द्वारा ग्रुप-डी के पदों के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा (सीईटी) का आयोजन पहले ही किया जा चुका है। सीईटी के नतीजे भी घोषित हो चुके हैं। सीईटी पास युवाओं को ही इन नौकरियों में मौका मिलेगा। साढ़े 13 हजार से अधिक ग्रुप-डी के खाली पदों पर भर्ती होनी है। इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर मुख्य सचिव ने सोमवार को यहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।

‘लोस, विस चुनाव में मिलेगा पहले से भी अधिक बहुमत’

अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 29 जनवरी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को कहा कि लोकसभा व विधानसभा के चुनाव उन्हें लगता था कि एक साथ हो सकते हैं, परन्तु अब चुनाव आयोग की तरफ से कोई संकेत नहीं आया है कि चुनाव एक साथ होंगे। ऐसे में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव अपने पूर्व निर्धारित समय के अनुसार ही होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भाजपा स्वच्छ शासन व प्रशासन, पारदर्शिता, अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने तथा आखिरी पंक्ति के व्यक्ति को मुख्य धारा में लाने के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि इस बार लोकसभा व हरियाणा विधानसभा में पहले से भी अधिक बहुमत मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि जनता द्वारा नकारे गए दल एकत्रित होकर भाजपा को हराना चाहते हैं, जबकि पिछले 10 वर्षों से जो बदलाव की ब्यार बह रही है, उससे स्पष्ट है कि जनता इंडिया गठबंधन के दलों को नकार चुकी है।
हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक रणनीतिक विषय है, जिसका जवाब वे भविष्य में देंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने बिना किसी भेदभाव से सभी क्षेत्रों का समान विकास किया है। पारदर्शी ढंग से व अंत्योदय की भावना पर चलते हुए पंक्ति में खड़े जरूरतमंद अंतिम व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि श्री राम देश की आस्था हैं और हमारी आत्मा हैं। श्री राम के नाम पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो श्री राम का नहीं वो किसी का भी नहीं।

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