इंडस्ट्री है पाक मगर कमाना न जाने
आलोक पुराणिक
पाकिस्तान एक तरफ से मुल्क है, दूसरी तरफ से इंडस्ट्री है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। पाकिस्तान के आर्मी जनरल और नेता तो खैर पूरे मुल्क को ही खाये जा रहे हैं, आम पब्लिक खाने की तलाश में भटके, तो इसकी किसी को फिक्र नहीं है।
भारत में भी कई स्मार्ट लोग पाकिस्तान से कमा जाते हैं। बहुत पहले सन्नी देओल की फिल्म आयी थी— गदर, यह पाकिस्तान से जुड़ी फिल्म थी, पर इसने कमाई बहुत की इंडिया में। अब गदर टू आने वाली है। पाकिस्तान मुल्क नहीं सिर्फ, कमाई का आइडिया भी है। गदर टू के बाद गदर थ्री को कौन रोक सकता है। पाकिस्तान से इंडिया की जान छूट नहीं सकती, लाख कोशिश के बाद। 15 अगस्त को लालकिले पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संबोधन देते हैं, जहां से वह संबोधन देते हैं, उसके ठीक पीछे, जो गेट है, उस गेट का नाम है लाहौरी गेट। लाहौर से हम बच नहीं सकते और लाहौर भी हमसे न बच सकता। गदर सीरीज से यहां वाले कमायेंगे ही।
पाकिस्तान से सब कमा रहे हैं, वहां की जनता को छोड़कर। पाक की जनता तभी कमा सकती है, अगर उनमें से कुछ लोग निकल पाक आर्मी अफसर या पाक नेता बन जायें। पाकिस्तान वाले भारत से अपनी तुलना लगातार करते हैं। अभी एक पाकिस्तानी दोस्त को मैंने बताया कि देख भाई इंटरनेशनल भीख हर तरह की हासिल करने के बाद भी पाकिस्तान के फॉरेन रिजर्व करीब 12 अरब डालर के पास हैं, जबकि भारत में एक महीने में ही इतनी रकम आ गयी, फॉरेन रिजर्व में, जो अब 600 अरब डालर के ऊपर जा चुके हैं। अब कंपेरिजन सिर्फ बचता है वो क्रिकेट में।
अब तो पाकिस्तानी बम धमाकों तक में अफगानियों से पिट रहे हैं। अफगानी तालिबान दनादन धमाके कर रहे हैं। पाकिस्तानी फौज टुकुर-टुकुर ताक रही हैै। पाकिस्तान का कोर कंपीटेंस क्या था— बमबाजी, अब इसमें तक अफगानी पाकिस्तानियों को पीट रहे हैं और इन्हीं अफगानियों को पाकिस्तानी अपना दोस्त बता रहे थे कुछ समय पहले तक। अब अफगानियों के हाथों पिटकर पाकिस्तानी कुछ नहीं कह सकते, दोस्त के हाथ पिटना पिटना न होता, कुछ ऐसी बात पाकिस्तानी हुक्मरान कहते दिख सकते हैं। कुल मिलाकर पाकिस्तान की सबसे बड़ी आफत यह है कि पाकिस्तान यही न समझ पाया कि उसका दोस्त कौन है और दुश्मन कौन।
पाकिस्तान से आयी सीमा हैदर इन दिनों भारतीय टीवी चैनलों के लिए टीआरपी बटोर रही है, उसकी कमाई बढ़ा रही है। इधर से पाकिस्तान गयी है अंजू, पर वहां के चैनल उतनी कुशलता से टीआरपी न बढ़ा पाते, जितनी कुशलता से भारतीय चैनल बढ़ा लेते हैं।
पाकिस्तान सिर्फ देश नहीं है, इंडस्ट्री है, पर इंडस्ट्री से कमाने के लिए अक्ल होनी चाहिए, सिर्फ बमबाज होना काफी नहीं है।