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विकास कार्यों के लिए पेड़ों के अंधाधुंध कटान पर लगेगी लगाम

07:49 AM Oct 29, 2024 IST

शिमला, 28 अक्तूबर(हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विकासात्मक कार्यों के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की मंजूरी देने के बजाय पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व प्रदेश सरकार को आदेश दिए कि वे पेड़ों के संरक्षण और प्रत्यारोपण को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा 24 दिसंबर 2020 को जारी अधिसूचना को अपनाने या ऐसी ही एक नीति बनाने की जरूरत पर विचार कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने शिमला कांगड़ा राष्टीय उच्च मार्ग के विस्तारीकरण के लिए काटे जा रहे पेड़ों से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में चूंकि पेड़ों की अवैध कटाई का कोई मामला नहीं पाया गया है।

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ज्वालाजी के पास अनेक पेड़ बिना वजह काटे
मामले के अनुसार हाईकोर्ट को लिखे ईमेल पर मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था। ईमेल के माध्यम से बताया गया था कि शिमला-कांगड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी क्रूरता से सैकड़ों पेड़ों को काटा जा रहा है। विशेषकर ज्वालाजी के पास अनेक पेड़ बिना मतलब से काटे गए हैं। पेड़ों को बचाने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। ज्वालाजी के पास अनेक पेड़ ऐसे काट दिए गए जिन्हें सड़क के डिवाइडर के रूप में ज्यों का त्यों इस्तेमाल किया जा सकता था। पर्यावरण की समझ न रखने वालों के हवाले इस प्रोजक्ट को सौंपा गया है जो चंद पैसों के लिए पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हिमाचल में आई आपदा का जिक्र करते हुए ईमेल के माध्यम से बताया गया था कि 50 से 100 साल पुराने बेहद खूबसूरत पेड़ों को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

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