विकसित की जा रही स्वदेशी ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी
नयी दिल्ली (एजेंसी) : सीमा पार (पाकिस्तान) से ड्रोन के जरिये हथियार और मादक पदार्थ की तस्करी करके इन्हें भारतीय क्षेत्र में पहुंचाने की समस्या का अगले छह महीने में अंत हो जाएगा, क्योंकि एक स्वदेशी ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी विकसित की जा रही है, जिससे राष्ट्र विरोधी तत्वों के इस तरह के दुस्साहस पर रोक लगाई जा सकेगी। सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी की तीन डिजाइन पर काम कर रही हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘ड्रोन के इस्तेमाल से सीमा पार से हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा अगले छह महीनों में खत्म हो जाएगा। निश्चित रूप से तब तक ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी की व्यवस्था हो जाएगी। ...नई प्रौद्योगिकी का परीक्षण चल रहा है और यह अंतिम चरण में है।’ पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन या मानवरहित विमान (यूएवी) का उपयोग करके पाकिस्तान से भेजे गये हथियारों, गोला-बारूद और मादक पदार्थों को गिराया जाना कई वर्षों से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी समस्या रही है।